जींद: कैदी के शव को परिजनों ने पहले शव लेने से किया मना, समझाने पर माने परिजन

जींद, 15 जून (हि.स.)। जिला कारागार में कैदी द्वारा संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी लगाए जाने के मामले में शनिवार को परिजनों ने शव को उठाने से मना कर दिया। परिजनों के लामबंद होने की सूचना पाकर सिविल लाइन थाना तथा शहर थाना प्रभारी मौके पर पहुंच गए और परिजनों से बातचीत की।

उन्होंने कहा कि मामले की जांच ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट द्वारा जांच की जा रही है। जिसमें पुलिस का कोई हस्तक्षेप नहीं है। समझाने पर दोपहर को परिजन शव को मॉर्चरी से शव को उठाने का राजी हो गए। जिसके बाद पुलिस ने भी राहत की सांस ली। सिविल लाइन थाना प्रभारी सुखबीर सिंह ने बताया कि मामले की जांच ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट द्वारा की जा रही है। परिजनों को समझा दिया गया कि इससे बड़ी तथा निष्पक्ष जांच ओर नही हो सकती। जिस पर परिजन शांत को गए और शव को उनके हवाले कर दिया गया।

जिला कारगार की लॉड्री में शुक्रवार को उम्र कैद की सजा काट रहे संत नगर निवासी शुभम (26) का शव संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी के फंदे पर लटका मिला था। ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की देखरेख में शव को फांसी के फंदे से उतार कर नागरिक अस्पताल पहुंचाया गया। शनिवार को वीडियोग्राफी के साथ चिकित्सक बोर्ड से शुभम का पोस्टमार्टम कराया गया। जिसके बिसरे को जांच के लिए लेबोरटरी भेज दिया गया। मृतक कैदी के परिजनों ने पोस्टमार्टम के बाद शव को उठाने से यह कह कर मना कर दिया कि उन्हें मौत पर संदेह है। उन्होंने हत्या की आशंका जताई।

मृतक के पिता दलबीर ने बताया कि शुभम सात साल से जेल में बंद था। उसे 2020 में उम्र कैद की सजा हो गई थी। जेल के फोन से बातचीत भी होती थी। कोई परेशानी उसे नही थी। अब शुभम ने फांसी क्यों लगाई। इसका जिम्मेवार जेल प्रशासन है। बिना करण के कोई जान नही दे सकता है। उसका बेटा साजिश का शिकार हुआ है। जब तक जेल अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज नही होता, तब तक शव को नही उठाएंगे।

मृतक कैदी के परिजनों के बिफरने की सूचना पर सिविल लाइन थाना प्रभारी सुखबीर सिंह तथा शहर थाना प्रभारी नागरिक अस्पातल पहुंचे। उन्होंने कहा कि मामले की जांच ज्यूडिशियल मजिस्टे्रट द्वारा की जा रही है। जिसमे पुलिस को कोई हस्तक्षेप नही है।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजेंद्र/संजीव

   

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