सरकारी दबाव बनाकर सत्ता में रहना चाहते है मुख्यमंत्री : भाजपा

शिमला, 16 जून (हि.स.)। भाजपा ने आरोप लगया है कि मुख्यमंत्री सरकारी दबाव बनाकर सत्ता में रहना चाहते हैं। प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने रविवार को कहा कि सत्ता जाने का भय मुख्यमंत्री को लगातार चिंता देता चला जा रहा है और उनके मित्र भी इससे परेशान है क्योंकि सत्ता चली गई तो वह सत्ता सुख भोग नहीं पाएंगे। यही तो एक बहुत बड़ा कारण है कि विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर ही सीएम रहे ऐसा प्रस्ताव पारित हुआ।

उन्होंने कहा कि नगर निगम सोलन की महापौर ऊषा शर्मा और पूर्व महापौर पूनम ग्रोवर को पार्षद पद से अयोग्य करार दे दिया है। जबकि पूर्व उप महापौर राजीव कौड़ा और पार्षद अभय शर्मा कार्रवाई से बच गए हैं। दोनों के खिलाफ कोई सबूत न मिलने पर उनकी सदस्यता बरकरार है। शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। दोनों पार्षदों को अब निष्कासित कर दिया गया है। यह कार्रवाई दोनों के खिलाफ चल रही जांच की रिपोर्ट आने के बाद की गई है। यह वारदात दिखाती है कि सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर एक निर्णय को तोड़ मरोड़ कर अपने पक्ष में लाने का कार्य कर रही है जो की अलोकतांत्रिक है। बहुमत हासिल कर जीते लोगों को यह सरकार परेशान करने का काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि नगर परिषद बिलासपुर पर एक बार फिर से भाजपा का कब्जा हो गया है। इस जीत के लिए विधायक त्रिलोक जमवाल, रणधीर शर्मा, जीत राम कटवाल और भाजपा के समस्त नेतृत्व को बधाई। नगर परिषद के उपाध्यक्ष कमल गौतम सर्वसम्मति से नप अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं, कांग्रेस की ओर से कोई भी नॉमिनेशन फाइल न होना और भाजपा की ओर से समर्थन मिलने के बाद कमल गौतम को अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

आपको बता दें कि नगर परिषद बिलासपुर में इससे पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए कमलेंद्र कश्यप को अध्यक्ष नियुक्त किया गया था लेकिन बाद में भाजपा के ही पार्षदों और अध्यक्ष के स्वर न मिलने की वजह से भीतर खाते उनके खिलाफ काफी विरोध शुरू हो गया। अंततः कमलेंद्र कश्यप ने स्वतः ही अपने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।

भाजपा ने कहा कि यह सत्य की जीत है और असत्य की हार है। भाजपा ने हमेशा जन सेवा का काम किया है और कांग्रेस सरकार ने हमेशा जनता को लूटने और गुमराह करने का काम किया है।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील/उज्जवल

   

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