गंगा दशहरा पर नमामि गंगे ने लिया अविरल व निर्मल गंगा का संकल्प

वाराणसी, 16 जून (हि.स.)। मां गंगा के अवतरण दिवस गंगा दशहरा पर रविवार को नमामि गंगे ने दशाश्वमेध घाट पर अविरल गंगा और निर्मल गंगा की कामना के साथ गंगा की आरती उतारी। गंगा के जयघोष के बीच राष्ट्रध्वज लहरा कर राष्ट्रीय नदी गंगा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की गई। नमामि गंगे टीम के महिला और पुरुष सदस्यों ने गंगा तलहटी की सफाई कर लोगों से गंदगी न करने की अपील की। स्वच्छता स्लोगन लिखी तख्तियों को लहरा कर लोगों को जागरूक किया गया। मां गंगा को प्रतीकात्मक रूप से चुनरी चढ़ाई गई।

कार्यक्रम संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि गंगा दशहरा मां गंगा के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। राजा सगर के साठ हजार पुत्रों का उद्धार करने के लिए धरती पर आईं गंगा तब से लेकर आज तक पृथ्वीवासियों को मुक्ति, शांति, आजीविका और आनंद प्रदान कर रही हैं। मा गंगा का दर्शन, स्पर्श, पूजन और स्नान ही मानव मात्र के लिए काफी है। गंगा का शुद्ध होना हमारे पर्यावरण की स्वच्छता का महत्वपूर्ण मापदंड है। सरकार के साथ-साथ हम सभी का गंगा के प्रति जो सरोकार है उसे समझना और ईमानदारी से निभाना होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/पवन

   

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