षड्दर्शन में शामिल योग आज एक जीवन दर्शन बन गया है: स्वामी रामदेव

हरिद्वार, 19 जून (हि.स.)। योगगुरु स्वामी रामदेव के दिशानिर्देशन में पतंजलि में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में हरिद्वार-रूड़की के 200 गांवों के लोग योग सत्र में भाग लेंगे। इस वर्ष पतंजलि द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ रखी गई है।

योगग्राम में अभ्यास सत्र के दौरान स्वामी रामदेव ने कहा कि विभिन्न वैज्ञानिक शोध में पाया गया कि विविध साध्य-असाध्य रोगों जैसे- मधुमेह, मोटापा, रक्तचाप, अस्थमा, थायराइड, हृदय रोग, किडनी रोग, उदर रोग, ऑटो इम्यून डिजीज आदि में योग से लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि योग को अपने जीवन में आत्मसात कर स्वस्थ व निरोगी जीवन प्राप्त किया जा सकता है। स्वामी जी ने बताया कि पतंजलि वैलनेस की इंटिग्रेटेड चिकित्सा पद्धति के अन्तर्गत विविध थैरेपी यथा- पंचकर्म, षट्कर्म, एक्यूप्रेशर, एक्यूपंक्चर, सिंगी थेरेपी आदि से लाखों-करोड़ों लोग स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर चुके हैं।

इस अवसर पर स्वामी जी महाराज ने कहा कि पतंजलि के तत्वावधान में वर्तमान में चल रही योग क्रान्ति से पुनः अतीत की पुनरावृत्ति हुई है। पंतजलि के अनुसंधान ने भारत के प्राचीन षडदर्शन में शामिल योग को विज्ञान की कसौटी पर कसा और आज योग एक जीवन दर्शन बन गया है। योग के अभ्यास से युवा पीढ़ी सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है।

साध्वी देवप्रिया के नेतृत्व में योग दिवस की तैयारियों को लेकर हुई बैठक में सभी व्यवस्थाओं पर विचार-विमर्श हुआ। बैठक में मुख्य केन्द्रीय प्रभारी भाई राकेश ‘भारत’, स्वामी परमार्थदेव, स्वामी बजरंगदेव, स्वामी आर्षदेव सहित सभी व्यवस्थाओं में नियुक्त प्रभारीगण उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थानसमाचार/रजनीकांत/दधिबल

   

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