ऐराठा के ग्रामीणों को पैदल सड़क भी नसीब नहीं

-अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव है ऐराठा

गोपेश्वर, 10 फरवरी (हि.स.)। चमोली जिले के देवाल विकास खंड के ओडर ग्राम पंचायत का अनुसूचित जाति बाहुल्य ऐराठा गांव के ग्रामीणों को मोटर सड़क तो दूर का दिवास्वप्न बना है, पैदल सड़क भी नसीब भी नहीं है। मोटर सड़क की फाइल लोनिवि थराली के कार्यालय में धूल फांक रही है। ग्रामीण में सरकार के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए आगामी लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है।

ऐराठा गांव में विकास की किरण नहीं पहुंच पाई है। यहां पर 54 परिवार अनुसूचित जाति के निवास करते हैं। इस गांव में मात्र एक व्यक्ति सरकारी नौकरी करता है, बाकि लोग मेहनत, मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं। ऐराठा गांव देवाल विकास खंड मुख्यालय से त्यूनुडा से पांच किलोमीटर आगे पिंडर नदी के तट पर बसा है। इस गांव तक पहुचंने के लिए पैदल जंगल से होकर गुजरना पड़ता है। यह पैदल मार्ग भी कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो रखा है। इस गांव के 25 बच्चे पांच किलोमीटर की दूरी तय कर इन विहड खतरनाक रास्ते से होकर देवाल राजकीय इंटर कालेज में पढने आते हैं।

गांव के सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र कुमार, पूर्व प्रधान मदन राम टम्टा, लक्ष्मण टम्टा ने कहा कि ऐराठा गांव में विकास के नाम पर कुछ भी नहीं है। ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं सुविधाओं से भी वंचित है। सबसे बड़ी समस्या पैदल रास्ता है जो खतरे से खाली नही है,वही पदमला-कजेरू-ऐराठा आठ किलोमीटर मोटर सड़क की स्वीकृति 2021 में मिली है। संयुक्त सर्वे भी हो गया है। सड़क की फाइल आगे नहीं बढ़ रही है। विभाग के कार्यालय में धूल फांक रही है। उन्होंने कहा कि सरकार अनुसूचित जाति गांव के कल्याण की बात कर रही है लेकिन आज तक ऐराठा गांव में विकास की किरण नहीं पहुंच पाई है।

इधर, लोनिवि के जेई प्रशांत चंदोला ने बताया कि सड़क की सर्व हो गई अब वन भूमि की फाइल तैयार की जा रही है। जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।

क्या कहते है अधिकारी?

पदमला-कजेरु-ऐरठा मोटर मार्ग की वन भूमि की फाइल को जल्द तैयार करने के निर्देश जेई को दिए है। फाइल में आवश्यक दस्तावेजों के साथ शासन को भेजा जाएगा।

-दिनेश गुप्ता अभिशासी अभियंता लोनिवि थराली।

हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/रामानुज

   

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