मिर्जापुर के कारीगरों को भी शिल्प से जुड़े हुनर सिखाएंगे मुरादाबाद के पद्मश्री दिलशाद

मुरादाबाद निवासी पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित दिलशाद। मुरादाबाद निवासी पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित दिलशाद। मुरादाबाद निवासी पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित दिलशाद। मुरादाबाद निवासी पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित दिलशाद। मुरादाबाद निवासी पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित दिलशाद। मुरादाबाद निवासी पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित दिलशाद।

मुरादाबाद, 25 जून (हि.स.)। मुरादाबाद निवासी पद्मश्री दिलशाद हुसैन मिर्जापुर के कारीगरों को भी शिल्प से जुड़े हुनर को सिखाएंगे, जिससे मुरादाबाद की कारीगरी दूर दूर तक फैले, मिर्जापुर में हो रहे गिलास कारोबार में सफाई आए, निर्यात कारोबार को प्रोत्साहन मिले।

पद्म श्री से सम्मानित दिलशाद हुसैन ने मंगलवार को बताया कि सोमवार को उनके पास मिर्जापुर जिले के वासु इंडस्ट्रीज से जुड़े उद्यमी शिवकुमार आए थे। उन्होंने बताया कि मिर्जापुर के कारीगर गिलास बनाने में बारीकियां और सफाई नहीं लाते हैं। उनका माल नेपाल में निर्यात होता है।

पद्मश्री ने आगे बताया कि उन्होंने खुद बनाए गए गिलास के नमूने दिखाए। लकड़ी, ढलाई और छिलाई के काम के बारे में उद्यमी को जानकारी दी। उद्यमी ने मिर्जापुर के कारीगरों को भी अपनी कारीगरी सिखाने का अनुरोध किया। पद्मश्री ने कहा कि मिर्जापुर के कारीगर यहां आएंगे तो उनको बारीकियां सिखाऊंगा।

मिर्जापुर में भी काफी समय से पीतल के हस्तशिल्प उत्पाद बनाए जाते हैं। उत्पादों में कारीगरी से जुड़ी कमियों के चलते तैयार उत्पाद काफी अधिक वजन का हो जाता है। इनमें सुराखों का नहीं भर पाना मुख्य कारण बताया जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/निमित जायसवाल/बृजनंदन

   

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