ओवरलोड नाव का परिचालन जारी, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

यात्रियों से भरी नाव

भागलपुर, 26 जून (हि.स.)। जिले में गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। इसके बावजूद सुलतानगंज से अगुवानी पुल घाट के लिए नाव का परिचालन थमने का नाम नहीं ले रहा है। इतना ही नहीं नाव पर क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाया जा रहा है। हर रोज हजारों यात्री जान जोखिम में डालकर यात्रा करते हैं।

कुछ माह पहले अगुवानी पुल से खगड़िया जाने के दौरान एक नाव हादसा हुआ था। जिसमें दो लोगों की मौत हुई थी। इसके बावजूद भी लोग ओवरलोड नाव परिचालन करने से बाज नहीं आ रहे है। जिस रास्ते से नाव गुजराती है वहां पर पुल हादसा भी हुआ था, जिसके कारण वहां गाद जमा हुआ है। मलबे को अभी तक हटाया नहीं गया है। उस रास्ते से नाव का परिचालन होते ही नाव का आधा हिस्सा पानी में डूब जाता है। गाद रहने के वजह से पानी का लेयर चेक नहीं हो पाता है। यह सब स्थानीय पुलिस के नाक के नीचे हो रहा है।

ओवरलोड नाव के परिचालन के दौरान कभी भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है। सैकड़ो की संख्या में नाव पर लोग सवार होते हैं। इसके अलावा बाइक और अन्य सामान भी नाव पर लोड किया जाता है, जिसके कारण हादसे की आशंका बनी रहती है। हादसे के बाद लोगों को सबक लेने की जरूरत थी लेकिन नाव परिचालन करने वाले लोग हादसे के वह दिन भूल गए हैं। अब शायद नए हादसे का इंतजार कर रहे हैं। मामले को लेकर सुल्तानगंज थानाध्यक्ष ने भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।

थानाध्यक्ष प्रियरंजन कुमार ने कहा कि हम लोग निगरानी कर रहे हैं। नाव यात्री आशीष ने बताया कि जाने में बहुत डर लगता है। लेकिन साधन नहीं है। मजबूरी में हम लोगों को जाना पड़ता है। हम लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द जिला प्रशासन और सरकार पुल का निर्माण करवा दे, ताकि हम लोगों को जाने-आने में सुविधा हो। नाव पर 30 यात्री का क्षमता होती है लेकिन सैकड़ों यात्री को बैठाया जाता है। इसके अलावा सामान भी नाव पर लोड किया जाता है। प्रत्येक आदमी से 30 से 50 रुपए किराया वसूली जाती है। जबकि दो चक्का वाहन का 50 से 100 रुपए तक लिए जाते हैं। हर दिन नाव संचालक 50 हजार रुपए तक आमदनी करते है। उसके बावजूद भी नाव पर सुरक्षा दृष्टिकोण का ख्याल नहीं रखा जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार/बिजय

/चंदा

   

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