मुख्यमंत्री ने बिलिआंबा के 127 बच्चों का स्कूल में कराया नामांक

कन्या केलवणी

- राज्यव्यापी शाला प्रवेशोत्सव शुरू

गांधीनगर, 26 जून (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के संकल्प के तहत मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शिक्षा की मजबूत नींव रखने के लिए ‘विकसित गुजरात’ के जरिए आगे बढ़ने का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सुदूरवर्ती गांवों तक श्रेष्ठ शिक्षा की सुविधाएं सुलभ कराई हैं। सरकार विद्यार्थियों के साथ खड़ी रहकर उनकी प्रतिभा को निखारने और उचित अवसर देने की व्यवस्थाएं भी कर रही है।

मुख्यमंत्री पटेल 21वें राज्यव्यापी शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत बुधवार को आदिवासी क्षेत्र डांग जिले के सीमावर्ती गांव बिलिआंबा के प्राथमिक स्कूल में बच्चों का नामांकन कराने के अवसर पर संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने इस गांव की बाल वाटिका, आंगनवाड़ी और प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल में कुल 127 बच्चों का शाला प्रवेश कराया। भूपेंद्र पटेल बिलिआंबा प्राथमिक स्कूल की कक्षा में विद्यार्थियों के बीच पहुंचे और उनसे संवाद किया। इतना ही नहीं उन्होंने एक विद्यार्थी की अभ्यास पुस्तिका देखकर उससे प्रश्न भी किए। स्कूल की बालिकाओं ने मुख्यमंत्री के अभिभावक सहज वात्सल्य प्रेम की अनुभूति करते हुए उनके साथ आत्मीयतापूर्वक बातचीत की। कक्षा-5 में पढ़ने वाली दृष्टि ने कहा कि मुख्यमंत्री को निकट से देखने का उसका स्वप्न पूरा हो गया है। मुख्यमंत्री पटेल ने भी बच्चों का अभिवादन स्नेहपूर्वक स्वीकार किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम के माध्यम से स्कूलों में भौतिक सुविधाएं व सहूलियतें विकसित करती ही है, लेकिन यह आवश्यक है कि बच्चों के अभिभावक, स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) और शिक्षक भी एक पालक के रूप में बच्चों की पढ़ाई के प्रति अधिक ध्यान दें और अपना सामाजिक दायित्व निभाएं।

आदिवासी क्षेत्र में शिक्षा की सुविधा उपलब्ध

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि राज्य सरकार ने अंबाजी से उमरगाम तक के पूरे आदिवासी पट्टे में साइंस कॉलेज, विज्ञान संकाय के स्कूल और मेडिकल कॉलेज सहित अन्य सुविधाएं मुहैया कराई हैं। उन्होंने स्कूल की कंप्यूटर लैब, कक्षाओं और स्कूल परिसर में टपक सिंचाई पद्धति से किए गए पौधरोपण सहित अन्य सुविधाओं का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया।

पौधा लगाकर दिया पर्यावरण का संदेश

बिलिआंबा स्कूल परिसर में मुख्यमंत्री ने नीम का पौधा लगाकर सभी को पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन का संदेश दिया। उन्होंने इस बात की प्रशंसा की कि डांग जिले के इस सीमावर्ती गांव के स्कूल के विद्यार्थियों ने पहले आयोजित हुए शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का लाभ उठाया और आज वे डॉक्टर, पर्वतारोही और खिलाड़ी बन गए हैं। यहां से पढ़ाई कर और ‘कन्या केळवणी’ यानी कन्या शिक्षा का लाभ उठाकर डॉक्टर बनने वाली और एक शानदार करियर की ओर आगे बढ़ रहीं डॉ. अंकिता कुंवर, खेल क्षेत्र में डांग जिले को गौरवान्वित करने वाले धावक मुरली गावित, पर्वतारोही भोवान राठोड़ और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में अध्ययन कर रहे युवा अविराज चौधरी का मुख्यमंत्री सहित अन्य महानुभावों ने स्वागत-सम्मान किया।

उप मुख्य सचेतक और डांग जिले के विधायक विजयभाई पटेल ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए ग्रामीणों से विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने की अपील की। स्वागत भाषण में कलेक्टर महेश पटेल ने कार्यक्रम की रूपरेखा के साथ-साथ डांग जिले की विशेषताओं का भी उल्लेख किया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष निर्मलाबेन, भाजपा अध्यक्ष किशोरभाई पटेल, संगठन प्रभारी राजेशभाई देसाई, प्रदेश आदिजाति मोर्चा के मंत्री सुभाषभाई गाइन, तहसील एवं जिले के पदाधिकारी, कार्यकर्ता, जिला शिक्षा अधिकारी जिग्नेश त्रिवेदी, अभिभावक, विद्यार्थी और प्रवेश लेने को उत्सुक बच्चे उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ बिनोद/सुनील

   

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