पत्नी के साथ अप्राकृतिक संबंध अपराध नहीं, नैनीताल की निचली अदालत का फैसला

नैनीताल, 26 जून (हि.स.)। नैनीताल जनपद की प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हल्द्वानी की अदालत ने एक फैसला देते हुए कहा है कि पति द्वारा पत्नी से अप्राकृतिक यौन संबंध बनाना अपराध नहीं है। पत्नी द्वारा पति के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत अभियोग नहीं चलाया जा सकता है। अदालत का यह फैसला इलाहाबाद एवं मध्य प्रदेश उच्च न्यायालयों के प्रमुख आदेशों को नजीर मानते हुए हुए आया है।

एक महिला की शिकायत पर उसके पति व ससुराल पक्ष के अन्य लोगों के विरुद्ध हल्द्वानी थाने में अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धारा 377, 498-ए आईपीसी तथा 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम व अन्य धाराओं में अभियोग दर्ज किया गया था। आरोपित पति की ओर से इसे चुनौती देते हुए अधिवक्ता पंकज कुलौरा ने विभिन्न उच्च न्यायालयों के प्रमुख आदेशों की व्याख्या करते हुए बताया कि पति-पत्नी के बीच धारा 377 आईपीसी का अपराध नहीं बनता है।

इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा संजीव गुप्ता बनाम उत्तर प्रदेश राज्य वर्ष 2023 एएचसी 231653 तथा मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा उमंग सिंघर बनाम मध्य प्रदेश राज्य एमसीआरसी नंबर 596000 वर्ष 2020 निर्णय तिथि 21.9.2023 का हवाला देकर नजीर के तौर पर प्रस्तुत किया। कहा कि इन मामलों में उच्च न्यायालयों द्वारा पति-पत्नी के संबंधों में धारा 376 के साथ धारा 377 के तहत दुष्कर्म जैसा कोई अपराध नहीं हो सकता है। यह भी बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के नवतेज सिंह जौहर बनाम भारत संघ 2008 (10) एचसीसी पेज-1 में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि दो वयस्क व्यक्तियों में सहमति के आधार पर यदि अप्राकृतिक संबंध बने हैं तो उस परिस्थिति में धारा 377 आईपीसी का अपराध नहीं बन सकता है। इलाहाबाद एवं मध्य प्रदेश उच्च न्यायालयों के प्रमुख आदेशों को नजीर मानते हुए न्यायालय द्वारा पति के विरुद्ध भादंसं की धारा 377 के आरोप को निरस्त कर दिया। भादंसं की धारा 498 ए तथा 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के आरोप को बरकरार रखकर विचारण न्यायालय को पत्रावली भेज दी है।

उल्लेखनीय है कि दोनों की शादी वर्ष 2016 में हुई थी। शादी के करीब 2 वर्ष बाद पति ने अपनी पत्नी को लेस्बियन यानी समलैंगिक बतकार तलाक लेने का वाद दायर किया। इसके करीब 14 माह बाद 2019 में पत्नी ने पति के विरुद्ध शादी के तत्काल बाद सुहागरात पर यानी तीन वर्ष पहले अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया। मामला पुराना होने के कारण महिला का मेडिकल भी नहीं हुआ। इसके बावजूद उसके पति को पत्नी के आरोपों पर लगभग तीन माह जेल में रहना पड़ा।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. नवीन जोशी/सत्यवान/वीरेन्द्र

   

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