सामान्य परिस्थितियां अब असामान्य में परिवर्तित हो रही हैं: स्वामी विज्ञानानंद

हरिद्वार, 27 जून (हि.स.)। श्रीगीता विज्ञान आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि कलयुग का अंतिम चरण अब आ गया है और एक वर्ष के अंदर ही प्रकृति में नया परिवर्तन होगा। सामान्य परिस्थितियां अब असामान्य में परिवर्तित हो रही हैं।

स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज गुरुवार को विष्णु गार्डन स्थित श्री गीता विज्ञान आश्रम में भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि समाज का ताना-बाना बिगड़ रहा है। बाप-बेटी और भाई-बहन के रिश्ते कलंकित हो रहे हैं। संयुक्त परिवार की परंपरा ही समाप्त हो गई है। परिवार नियोजन ने कई रिश्ते समाप्त कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि अन्न और जल जहरीले पैदा होने लगे हैं, जहरीला चारा खाने से गौदुग्ध की गुणवत्ता प्रभावित हुई है, तो मोटे अनाजों की पैदावार ही समाप्त हो गई है। परिजन और रिश्तेदारों ने परस्पर सहयोग के स्थान पर स्वार्थ को ही अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया है तथा संवैधानिक व्यवस्था संकट में है। उन्होंने सुझाव दिया की मन, वचन और कर्म में समानता होनी चाहिए, क्योंकि धर्म संपदा बालों की संख्या कम हो रही है और धन संपदा वालों का वर्चस्व बढ़ रहा है, जो सत्य और धर्म के मार्ग पर चलेंगे वही सतयुग में प्रवेश करेंगे।

जलवायु परिवर्तन से बिगड़ रहे प्रकृति के वातावरण को प्रलयकाल का संकेत बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रकृति का अपना नियम होता है। वह उतनी ही जनसंख्या को समाहित करती है जितनी उसकी सामर्थ्य होती है और क्षमता से अधिक आबादी जब बढ़ जाती है तो किसी न किसी प्राकृतिक आपदा के माध्यम से जनहानि और धनहानि का संयोग स्वतः ही बन जाता है। ऐसा सृष्टि में कई बार हो चुका है।

उन्होंने सभी भक्तों से सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने का आह्वान करते हुए कहा कि धर्म की सदा ही जय होती है जबकि अधर्म का नाश होता है। यह बातें हमारे सभी वेदों एवं धर्म शास्त्रों में वर्णित हैं। इस अवसर पर अनेकों गीता मनीषी एवं वेदांताचार्यों ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/वीरेन्द्र

   

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