उच्चतर माध्यमिक स्तर पर डोगरी भाषा के अपर्याप्त पदों को लेकर अभाविप ने किया प्रदर्शन

जम्मू, 28 जून (हि.स.)। उच्चतर माध्यमिक स्तर पर डोगरी भाषा के अपर्याप्त पदों को लेकर अभाविप ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने प्रशासन पर डोगरी भाषा और संस्कृति के प्रति सौतेले रवैये का आरोप लगाया है। छात्रों ने डोगरी भाषा के छात्रों और शोधकर्ताओं के बीच चिंता पैदा करने वाले एक मुद्दे को उजागर किया गया। विरोध प्रदर्शन उच्चतर माध्यमिक स्तर पर डोगरी भाषा के अपर्याप्त पदों के खिलाफ था। पदों की अपर्याप्त संख्या ने डोगरी के छात्रों और शोधार्थियों को सीधे तौर पर हतोत्साहित और प्रभावित किया है।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने जम्मू संभाग के स्कूली शिक्षा निदेशक और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल से इस मामले पर तत्काल विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि डोगरी भाषा और संस्कृति के प्रति सौतेला रवैया गंभीर चिंता का विषय है और प्रशासन को उस भाषा के प्रति अपनी नीति पर फिर से विचार करना चाहिए, जिसे लाखों लोग बोलते हैं और जिसे यूटी की आधिकारिक भाषाओं में से एक का दर्जा भी प्राप्त है।

परिषद के सचिव अक्षी बलोरिया ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि एलजी प्रशासन को डोगरी भाषा और संभाग के विभिन्न उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाए जाने वाले विषय के रूप में डोगरी के प्रति अपने निर्णयों और नीतियों पर पुनर्विचार करना चाहिए। इस विषय को अन्य उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में भी शुरू किया जाना चाहिए और इसके लिए पदों की संख्या में भी तदनुसार वृद्धि की जानी चाहिए। अभाविप जम्मू विश्वविद्यालय के अध्यक्ष साहिल चौधरी ने अपने बयान में कहा कि हालिया निर्णय छात्रों और शोधार्थियों के पक्ष में नहीं है। उन्होंने पदों की संख्या बढ़ाने और रिक्त पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरने के महत्व पर जोर दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

   

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