ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई ब्रॉड गेज रेलवे लाइन परियोजना की कनेक्टिविटी में बदलाव की तैयारी

-एक महीने में रिकॉर्ड तोड़ प्रगति 552 मीटर सुरंग निर्माण

ऋषिकेश, 02 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उत्तराखंड में चल रही महत्वाकांक्षी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई ब्रॉड गेज रेलवे लाइन और 125 किलोमीटर लंबी इंजीनियरिंग की अद्वितीय परियोजना में ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच कनेक्टिविटी में बदलाव लाने की तैयार चल रही है।

इस विशाल परियोजना की सबसे लंबी सुरंग का निर्माण आरपीएनएल के लिए एलएनटी द्वारा किया जा रहा है। इस पैकेज में दो समानांतर सुरंगें शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक की लंबाई लगभग 14.5 किलोमीटर है। कुल मिलाकर लगभग 30 किलोमीटर की सुरंगें बनाई जा रही हैं, जिनमें से 21 किलोमीटर अत्याधुनिक टनल बोरिंग मशीनों टीबीएम का उपयोग करके और शेष 9 किलोमीटर न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड एनएटीएम के माध्यम से खोदी जा रही हैं।

एलएनटी ने 'शक्ति' और 'शिव' नामक दो उन्नत टीबीएम तैनात किए हैं, जिनका व्यास 9.11 मीटर और लंबाई 140 मीटर है, जो 7.8 मीटर की फिनिश्ड लाइनिंग वाली सुरंगें बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। हिमालय की संकरी सड़कों और कठिन भूभागों से इन विशाल मशीनों का परिवहन स्वयं में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। टीबीएम 'शक्ति' के लिए खुदाई 16 दिसंबर, 2022 को और टीबीएम 'शिव' के लिए 01 मार्च, 2023 को शुरू हुई।

परियोजना के सहायक निदेशक भूपेंद्र सिंह ने बताया कि टीबीएम 'शक्ति' ने अब तक 6 किलोमीटर से अधिक की खुदाई कर एक उल्लेखनीय मील का पत्थर स्थापित किया है जबकि टीबीएम 'शिव' ने 5 किलोमीटर से अधिक की खुदाई की है। एक रिकॉर्ड-ब्रेकिंग उपलब्धि के तहत, टीबीएम 'शक्ति' ने अकेले जून में 552 मीटर की खुदाई की है। यह असाधारण प्रगति इंजीनियरिंग और परियोजना प्रबंधन उत्कृष्टता में एक नया मानक स्थापित करती है। यह उपलब्धि आरवीएनएल और उत्तराखंड सरकार के मजबूत समर्थन के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत संभव हो पा रही है।

इस परियोजना की सफलता अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और सहज टीमवर्क की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करती है, जो क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक लाभ और विश्व विख्यात चारधाम तीर्थ यात्रा के लिए कनेक्टिविटी में सुधार लाती है। यह रिकॉर्ड-ब्रेकिंग प्रगति चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में परिवर्तनकारी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की विशाल क्षमता को उजागर करती है। साथ ही नवाचार और समर्पण की शक्ति को इंजीनियरिंग की उपलब्धियों को हासिल करने में दर्शाती है।

हिन्दुस्थान समाचार/विक्रम

/चंद्र प्रकाश

   

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