'हेपेटाइटिस बी' का टीका न लगाने पर 134 निजी चिकित्सालयों को नोटिस

—नवजात शिशु के जन्म के 24 घंटे के अंदर 'हेपेटाइटिस बी’ का टीका अवश्य लगाएं - सीएमओ

वाराणसी, 02 जनवरी (हि.स.)। स्वास्थ्य विभाग की तमाम कवायद के बाद भी निजी अस्पतालों की मनमानी कम नही हो रही। जिले में ‘हेपेटाइटिस बी’ संक्रमण की रोकथाम के निजी अस्पतालों में टीका न लगाये जाने की शिकायतों पर स्वास्थ्य विभाग एक्शन में है। मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) कार्यालय से जनपद के 134 निजी चिकित्सालयों को हेपेटाइटिस बी का टीका न लगाए जाने पर नोटिस जारी किया गया।

सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि जिन निजी चिकित्सालयों में शिशु के जन्म के 24 घंटे के अंदर हेपेटाइटिस बी का टीका नहीं लगाया जा रहा है। वह इस समस्या को जल्द से जल्द दूर कर टीका लगाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सरकारी चिकित्सालयों में भी हो रहे प्रसव के 24 घंटे के अंदर नवजात शिशु को 'हेपेटाइटिस बी’ की एक डोज अवश्य लगवाएँ, क्योंकि यह टीका शिशु को 'हेपेटाइटिस बी’ संक्रमण से बचाएगा। टीकाकरण बच्चों का जन्म सिद्ध अधिकार है। इसके लिए माता-पिता को सतर्क व जागरूक रहना चाहिए। सीएमओ ने कहा कि 'हेपेटाइटिस बी’ दिखाई न देने वाली बीमारी है जो कि धीरे-धीरे हमारे यकृत (लिवर) को खराब करती है। यह बीमारी एक बार यदि किसी को हो जाती है तो वह उम्र भर संक्रमित रहता है एवं दूसरों को भी प्रभावित करता है। यह संक्रमण रक्त, लार, योनि तरल पदार्थ और वीर्य जैसे संक्रमित शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क से फैल सकता है। यह मां से उसके बच्चे में भी फैल सकता है।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी व एसीएमओ डॉ एके मौर्य ने बताया कि हेपेटाइटिस घातक बीमारी है जो एक बार हो जाती है तो धीरे – धीरे लिवर व पाचन तंत्र को क्षति पहुंचाती है, जिससे बचाव का एक मात्र तरीका है कि हर बच्चे को जन्म के 24 घंटे के अंदर ही हेपेटाइटिस बी की एक खुराक दी जाए। हेपेटाइटिस बी की बर्थ डोज़ हर बच्चे का जन्मसिद्ध अधिकार है। इस कार्य में स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करें।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/बृजनंदन

   

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