सेवक-रंगपो नई रेल लिंक परियोजना में बड़ी सफलता

Sewak-Rangpo rail link project upgrading

गुवाहाटी, 03 जनवरी (हि.स.)। एक प्रमुख कामयाबी में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिला स्थित सेवक-रंगपो रेल परियोजना (एसआरआरपी) के टनल संख्या टी-04 के पोर्टल संख्या 1 पर अडिट को 30 दिसंबर, 2023 को ब्रेक थ्रू मिला। इसके साथ ही, तीन जनवरी को इस परियोजना के टनेल संख्या 13 में भी ब्रेक थ्रू हासिल किया गया। इन टनलों की सफलता के साथ, इस परियोजना के सभी अडिट टनलों में खनन कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।

पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे ने आज बताया है कि पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में हनुमान झोरा के पास स्थित 600 मीटर की एक निकासी टनल के साथ मुख्य टनल टी-04 की लंबाई 3948 मीटर है। साथ ही, टी-13 की लंबाई 2560 मीटर है, जो परियोजना के पश्चिम बंगाल हिस्से का अंतिम टनल है और कलिम्पोंग जिले में स्थित है। मुख्य टनल युवा हिमालय के अतिसंवेदनशील एवं चुनौतीपूर्ण भूगर्भीय और भूकंपीय स्थितियों से होकर गुजरती है। एसआरआरपी में अन्य सभी टनलों की तरह, भू-द्रव्यमान की भेद्यता का मुकाबला करने के लिए, नवीनतम और सबसे परिष्कृत टनलिंग तकनीक यानी न्यू ऑस्ट्रियाई टनलिंग मेथड (एनएटीएम) का उपयोग यहां किया गया है।

सेवक (पश्चिम बंगाल) और रंगपो (सिक्किम) को जोड़ने वाली सेवक-रंगपो नई रेल लिंक परियोजना लगभग 45 किलोमीटर लंबी है और इसमें 14 टनल, 17 पुल और 5 स्टेशन शामिल हैं। सबसे लंबी टनल (टी -10) की लंबाई 5.3 कि.मी. और सबसे लंबे पुल (ब्रिज -17) की लंबाई 425 मीटर है। पूरी परियोजना संरेखण का लगभग 38.6 किलोमीटर टनल से गुजर रहा है और 90 फीसदी टनलिंग कार्य पूरा हो चुका है।

वर्तमान में टनल टी-14 में अंतिम लाइनिंग पूरी हो चुकी है और टनेल टी -02, टी -05, टी-06, टी -09, टी -10, टी -11 और टी -12 प्रगति पर है। अब तक कुल 8.67 किमी (कुल 22.45 फीसदी) लाइनिंग का कार्य पूरा हो चुका है। सभी सेक्शनों में दिन-रात कार्य किया जा रहा है। यह भारत में चल रही प्रतिष्ठित राष्ट्रीय परियोजनाओं में से एक है और इस परियोजना के पूरा होने पर, पहली बार सिक्किम राज्य रेलवे से जुड़ जाएगा। इस रेल नेटवर्क को पूरा करने का उद्देश्य सिक्किम राज्य को वैकल्पिक कनेक्टिविटी प्रदान करना है। वर्तमान में परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए टनल, पुलों और स्टेशन यार्डों के निर्माण से संबंधित सभी काम-काज युद्ध स्तर पर चल रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीप्रकाश/अरविंद

   

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