ग्राम पंचायतों को मौसम पूर्वानुमान की जानकारी उपलब्‍ध कराने की योजना का शुभारंभ गुरुवार को

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (हि.स.)। अब देश की ग्राम पंचायतों को सप्ताह में पांच दिन मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी मिल सकेगी। इसके लिए पंचायती राज मंत्रालय ने तैयारी शुरू कर दी है। पंचायती राज मंत्रालय भारत मौसम विज्ञान विभाग और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सहयोग से गुरुवार को विज्ञान भवन में इस पहल का शुभारंभ किया जाएगा। पंचायती राज मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी।

बयान के मुताबिक उद्घाटन समारोह में पंचायती राज मंत्री ललन सिंह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह, पंचायती राज राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल, पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव देवेश चतुर्वेदी, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन, भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित रहेंगे।

बयान में कहा गया है कि मौसम विभाग द्वारा विस्तारित सेंसर कवरेज के साथ ग्राम पंचायत स्तर पर स्थानीय मौसम पूर्वानुमान पहली बार उपलब्ध होंगे। मौसम संबंधी पूर्वानुमानों को मंत्रालय के डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म ई-ग्राम स्वराज के जरिए प्रसारित किया जाएगा। यह पहल जमीनी स्तर पर शासन को मजबूत बनाने, दीर्घकालिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने, ग्रामीण आबादी को अधिक जलवायु अनुकूल बनाने और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए कारगर साबि‍त होगी।

इससे ग्राम पंचायतों को तापमान, वर्षा, हवा की गति और बादल छाए रहने के बारे में दैनिक जानकारी मिलेंगी, जिससे किसानों को बुवाई, सिंचाई और कटाई की गतिविधियों की योजना बनाने और महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद मिलेगी। ये उपकरण आपदा प्रबंधन और बुनियादी ढांचे की योजना को भी मजबूत बनाएंगे। इसके अलावा, चक्रवात और भारी वर्षा जैसी मौसम की घटनाओं के बारे में पंचायत प्रतिनिधियों को एसएमएस अलर्ट भेजे जाएंगे, जिससे जीवन, फसल और संपत्ति की सुरक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। यह प्रयास जमीनी स्तर पर जलवायु-अनुकूल समुदायों के निर्माण की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है।

इस अवसर पर “ग्राम पंचायत स्तर पर मौसम पूर्वानुमान” पर एक प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इस कार्यशाला में पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि और राज्य पंचायती राज अधिकारियों सहित 200 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे। यह प्रशिक्षण सत्र पंचायत प्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर मौसम पूर्वानुमान उपकरणों और संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए ज्ञान और कौशल प्रदान करेगा जिससे वे अपने समुदायों को जलवायु अनुकूल बनाने संबंधी निर्णय लेने में सक्षम होंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिरंचि सिंह

   

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