जोरहाट ग्रेनेड विस्फोट मामले में दो और हिरासत में लिए गए

जोरहाट (असम), 08 जनवरी (हि.स.)। बीते 14 दिसंबर को जोरहाट के लिचुबारी सैन्य शिविर में हुए ग्रेनेड विस्फोट की घटना के संबंध में जोरहाट पुलिस ने रविवार को दो और लोगों को हिरासत में लिया।

गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान शिवसागर जिले के डिमो के राजपाल गोगोई और बिप्लब बरुवा के रूप में की गई है।

जोरहाट के पुलिस अधीक्षक मोहन लाल मीणा ने आज मीडिया को बताया कि विगत 14 दिसंबर को जोरहाट के लिचुबारी सैन्य शिविर में ग्रेनेड फेंकने की घटना की सूचना मिली थी। परिणामस्वरूप, एक मामला दर्ज किया गया था। 28 दिसंबर को हमने जांच के हिस्से के रूप में अच्युत गोगोई और बिराज कछारी को गिरफ्तार किया गया। किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके बैंक खाते में पांच हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए थे। हमने तकनीकी विश्लेषण से पता लगाया कि जिस व्यक्ति ने बिराज को धन भेजा था, वह डिमो का राजपाल गोगोई था। इस बीच, डिमो निवासी बिप्लब बरुवा को भी हिरासत में ले लिया गया।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बिप्लब बरुवा ने पूछताछ के बाद स्वीकार किया है कि 14 दिसंबर को वह और राजपाल गोगोई एक चार पहिया वाहन में दो ग्रेनेड लेकर आए थे और उन्हें आदेश पर उल्फा-आई के नेता ऐसेंग असम को जोरहाट के टियोक में इलेक्ट्रिक सब-स्टेशन के पास छोड़ दिया था।

एसपी मीणा ने कहा कि अच्युत गोगोई और बिराज कछारी ने हथगोले प्राप्त कर लिए, जिन्होंने उन्हें योजना के अनुसार लिचुबारी सैन्य शिविर पर फेंक दिया। बिप्लब ने आगे खुलासा किया कि उन्होंने और राजपाल ने शिवसागर में एक और ग्रेनेड पहुंचाया था और इस अपराध की जांच शिवसागर पुलिस द्वारा की जा रही थी। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि हथगोले असम में कैसे पहुंचे।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश/अरविंद

   

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