इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी से जुड़े दौ सौ से अधिक स्पीकर्स ने साझा किए लर्निंग एक्सपीरियंस

जयपुर, 12 जनवरी (हि.स.)। भारत एक विकसित देश है और इंडियन सोसाइटी ऑफ वैस्कुलर एंड इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी (आईएसवीआईआर) विकसित देश को मेडिकल में और उन्नत करना चाह रहा है। आईएसवीआईआर का लक्ष्य देश में अधिक से अधिक डॉक्टर्स देना और मरीजों को कॉस्ट इफेक्टिव प्राइस ट्रीटमेंट के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी मुहैया करना है। आईएसवीआईआर के अध्यक्ष और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल मुंबई के डॉ.(प्रो) सुयश कुलकर्णी ने आईएसवीआईआर के 24वें वार्षिक सम्मेलन के दूसरे दिन शुक्रवार को यह बात कही।

उन्होंने कहा कि भारत में 1200 से अधिक इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट है जो एडवांस बेस्ड गाइडलाइन्स के साथ मरीजों का इलाज कर रहे हैं। आईएसवीआईआर फेलोशिप कोर्सेस भी करवा रहा है जिससे एक्सपर्ट्स की संख्या बढ़े और मरीजों को इस नवीन तकनीक से इलाज मिल सके। उन्होंने बताया कि इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी एक ऐसी एडवांस तकनीक है जिसमें बड़े ऑपरेशन के बिना भी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। 14 जनवरी तक जयपुर के फेयर माउंट होटल में जारी चार दिवसीय सम्मेलन में 23 देशों से आए 800 इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी स्पीकर्स एडवांस टेक्नोलॉजी पर विचार साझा कर रहे हैं।

एआई भी है इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी के लिए जरुरी

आईएसवीआईआर के जॉइंट सेक्रेटरी और पीजीआई चंडीगढ़ के डॉ. (प्रो) उज्जवल गोडसी ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में पहुंचे नेशनल-इंटरनेशनल स्पीकर्स इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी की टेक्नोलॉजी पर भी हमारे देश के डॉक्टर्स एवं स्टूडेंट्स को अपने अनुभव के लर्निंग एक्सपीरियंस को बता रहे हैं ताकि उन्हें भी पोस्ट्रेट एम्बोलिज़ेशन, इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी एडवांस टॉपिक्स के बारे में भी वक्त रहते जानकारी मिल सके। उन्होंने बताया कि इस बार का आईएसवीआईआर सेमिनार अब तक का सबसे बड़ा सेमिनार है।

दूसरे दिन 16 से अधिक सेशंस

सम्मेलन के दूसरे दिन 16 से अधिक सेशंस में 100 से अधिक इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट ने इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी के एडवांस ट्रीटमेंट पर चर्चा की। पैनल डिस्कशन में एक्सपर्ट्स ने अपने विचार रखे और टिपिकल केसेज पर एडवांस टेक्नोलॉजी द्वारा ट्रीटमेंट को लेकर स्टूडेंट्स के सवालों के जवाब भी दिए। सेशंस के आखिर में बेसिक लाइफ सपोर्ट स्किल्स को लेकर एक लाइव वर्कशॉप भी रखी गयी थी जिसमें डॉ.सौरभ तनेजा और डॉ.किशोर मंगल ने लाइफ सपोर्ट स्किल्स के तहत के बारे में बताया। एक अन्य वर्कशॉप में थायराइड आरएफए, स्ट्रोक, एम्बोलिज़ेशन सिमुलेशन, ब्रेस्ट इंटरवेंशन और पेनम्ब्रा लाइटिंग-12 और लाइटिंग फ्लैश तकनीक से पीई/डीवीटी का उपचार आदि पर लाइव डेमो किया गया। इस मौके पर एडिफिस मेडिकल टेक्नोलॉजी और एमएएसएमईसी से संबंधित कुछ नए प्रोडक्ट भी लॉन्च किए गए।

सेशंस में इन टॉपिक्स पर हुई चर्चा

सेमिनार के दूसरे दिन के सेशंस में ट्रांस आर्टिकल थेरेपी, बी-टेस, हेपेटिक मेटास्टेस, कोलोरेक्टल मेटास्टेस के लिए वाय90 की भूमिका और ट्यूमर बोर्ड - एचसीसी और लीवर मेटास्टेसिस, फ्लो रेडिस्ट, माइक्रोब्लून एम्बोलिज़ेशन, एसआईआरआईओ एच3 नेविगेशन सिस्टम, ऑप्टिकल ट्रेकिंग सिस्टम जनरल इंफो, पोर्टल इंटरवेंनशन आदि टॉपिक्स पर चर्चा एवं पैनल डिस्कशन हुआ। पैनल में 200 से अधिक डॉक्टर्स, इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट और इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स ने भाग लिया। पैनल डिस्कशन में डॉ. श्याम कुमार, डॉ. चंद्रमोहन, डॉ. संजीव कालवा, डॉ. लेनन डिसूजा, डॉ. शम्स इकबाल, डॉ. रमन उबेरॉय, डॉ. नवीन कालरा, डॉ. अमर मुकुंद, डॉ. नरेश, डॉ. मधु प्रशांत, डॉ. लिजेश कुमार, डॉ. धीरेंद्र प्रताप सिंह यादव और डॉ. एच.सी. किम सहित अन्य डॉक्टर्स एवं स्पीकर्स मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप

   

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