शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई ने दाखिल की अतिरिक्त चार्ज शीट

कोलकाता, 12 जनवरी (हि.स.)। प्रारंभिक शिक्षक भर्ती मामले में सीबीआई ने अतिरिक्त आरोप पत्र दाखिल किया है। पहले भी एक आरोप पत्र दिया गया था। शुक्रवार को अलीपुर सीजीएम कोर्ट में दूसरी चार्जशीट दाखिल की गई है। 20 पन्नों की चार्जशीट में कौशिक माझी, पार्थ सेन का नाम है।

सीबीआई की पहली चार्जशीट में तापस साहा, कुंतल घोष, नीलाद्रि घोष का नाम था। अतिरिक्त आरोप पत्र में पार्थ और कौशिक का नाम है। कौशिक एस बसु रॉय फर्म में भागीदार हैं। यह संस्था ओएमआर शीट (उत्तर पुस्तिकाएं) तैयार करती थी। पार्थ उस कंपनी का कर्मचारी है। आरोप पत्र में आरोप लगाया गया है कि ये दोनों नियुक्त व्यक्ति सीधे तौर पर भ्रष्टाचार में शामिल हैं। कथित तौर पर, 700 अयोग्य नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों की एक सूची तैयार की गई थी। उस संस्था के साथ सूची का आदान-प्रदान किया जाता है। उस सूची में 300 से अधिक अयोग्य नौकरी चाहने वालों को नौकरी मिल गई।

आरोप पत्र में आरोपितों के खिलाफ धारा 201 (साक्ष्य नष्ट करना) का प्रावधान किया गया है। एस बसु रॉय कंपनी ने दावा किया कि उत्तर पुस्तिका की कोई स्कैन कॉपी नहीं थी। सीबीआई के मुताबिक, उत्तर पुस्तिका की स्कैन कॉपी थी लेकिन उसे नष्ट कर दिया गया था। प्रारंभिक भर्ती की उत्तर पुस्तिकाएं कोना एक्सप्रेस के बगल में एक गोदाम में रखी गई थीं। उस संबंध में जब आरटीआई (सूचना का अधिकार अधिनियम) आवेदन किया गया तो कंपनी ने गोदाम से एक उत्तर पुस्तिका निकालकर दिखाई।

जांचकर्ताओं का मानना है कि लाखों उत्तर पुस्तिकाओं में से एक को निकालना आसान नहीं है। उत्तर पुस्तिका को स्कैन कर कॉपी करना था। जब आरटीआई आवेदन किया गया तो वहां से दिखाया गया। बाद में उन्हें नष्ट कर दिया गया। इसीलिए आरोप पत्र में सबूत नष्ट होने की धारा दी गई है। इसके अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 467ए, 471, 120बी, 420, 406, 468, 201 का भी प्रावधान किया गया है। आरोप पत्र में लागू कानून की जानकारी भी दी गई है।

आठ जनवरी को, सीबीआई ने भर्ती भ्रष्टाचार मामले में अंतिम आरोप पत्र दाखिल किया था। केंद्रीय एजेंसी ने दावा किया कि मामले में जांच पूरी हो गई है। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा

   

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