रोगियों को अब रेफरेंस सुविधा के लिए नहीं भटकना पडे़गा, तीन दिन में होगी ऑनलाइन

जयपुर, 13 जनवरी (हि.स.)। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह शनिवार को सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंची और अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों की बैठक ली। सिंह ने कहा कि हम सबका दायित्व है कि अस्पताल में आने वाले रोगियों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं सुगमतापूर्वक मिलें। इसमें किसी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन्होंने निर्देश दिए कि अस्पताल की व्यवस्थाएं रोगी केंद्रित हो। यह ध्यान रखा जाए कि मरीज और उनके परिजनों को जांच, दवा, उपचार सहित अन्य सुविधाओं को लेकर परेशानी का सामना नहीं करना पडे़।

सिंह ने अस्पताल की व्यवस्थाओं को पेशेंट फ्रेण्डली बनाने पर जोर देते हुए कहा कि अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं में तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग कर ऑटोमेशन मोड में लाया जाए। संवेदनशील और मानवीय एप्रोच रखते हुए मिशन मोड में व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने का प्रयास करें। एक्शन प्लान बनाएं और टाइमलाइन निर्धारित कर उस काम को समय पर पूरा करें। उन्होंने अस्पताल में चिकित्सकों, पैरामेडिकल एवं अन्य स्टाफ के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि रोगियों और उनके परिजनों को रेफरेंस के लिए सवाई मानसिंह अस्पताल आना पड़ता है। आमतौर इसके लिए उन्हें अस्पताल के विभिन्न विभागों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इससे न केवल उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है, बल्कि उपचार में भी देरी होती है। उन्होंने रेफरेंस सुविधा को आगामी तीन दिन में ऑनलाइन करने के निर्देश दिए। साथ ही, बिलिंग सिस्टम को भी अतिशीघ्र ऑनलाइन करने एवं बार कोड आदि लगाए जाने के निर्देश दिए, ताकि रोगी एवं उनके परिजनों को अस्पताल के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जाने की परेशानी से मुक्ति मिले।

सिंह ने कहा कि अस्पताल में साफ-सफाई की व्यवस्था दुरूस्त रहे। कहीं भी गंदगी नजर नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल के सभी भवनों में टॉयलेट्स के रखरखाव एवं साफ-सफाई का काम सुलभ संस्था के माध्यम से कराया जाना सुनिश्चित करें। साथ ही, साफ-सफाई के कार्य की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने उपचार के लिए आने वाले रोगियों के परिजनों के ठहरने के लिए भी समुचित व्यवस्थाएं किए जाने के निर्देश दिए। सिंह ने कहा कि अस्पताल परिसर में सुरक्षा एवं मॉनिटरिंग की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए।

बैठक में बताया गया कि अस्पताल के विभिन्न विभागों में जांच एवं उपचार के लिए महंगे उपकरण उपलब्ध हैं, लेकिन मानव संसाधन की कमी के चलते उनका पूरा उपयोग नहीं हो पाने से रोगियों को इंतजार करना पड़ता है। इस पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने आवश्यक मानव संसाधन के लिए प्रस्ताव शीघ्र भिजवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक मानव संसाधन की रिपोर्ट तैयार की जाए।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अस्पताल में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना एवं निशुल्क निरोगी राजस्थान योजना के तहत दवाओं की उपलब्धता एवं आपूर्ति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि दवा केंद्रों पर आवश्यक दवा सूची में उपलब्ध दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। इसके लिए मांग एवं आपूर्ति की व्यवस्था में कोई गेप नहीं रहे। उन्होंने अस्पताल परिसर में प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र स्थापित किए जाने के भी निर्देश दिए।

सिंह ने अस्पताल परिसर में रोगी एवं उनके परिजनों के साथ व्यवहार को गंभीरता से लिया। उन्होंने कहा कि रोगी एवं उनके परिजन बीमारी के कारण पहले से व्यथित होते हैं। ऐसी स्थिति में चिकित्सकों एवं अन्य स्टाफ का अच्छा व्यवहार उनके लिए थैरेपी की तरह काम करता है। अस्पताल प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि किसी भी रोगी या परिजन के साथ दुर्व्यवहार नहीं हो। उन्होंने अस्पताल में हैल्प डेस्क व्यवस्था को और मजबूत बनाने तथा आगामी समय में इसे कॉल सेंटर के रूप में विकसित करने के भी निर्देश दिए।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अस्पताल परिसर एवं बाहर के हिस्सों में चल रहे निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यह सभी कार्य तय समय सीमा में पूरे किए जाएं। इनमें गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। उन्होंने अस्पताल की पार्किंग व्यवस्था एवं एम्बुलेंस व्यवस्था बेहतर बनाने तथा अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए।

चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिव प्रसाद नकाते ने अस्पताल में व्यवस्थाओं के सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों एवं आगामी कार्य योजना से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि अस्पताल में तकनीक का उपयोग कर व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की दिशा में मिशन मोड पर काम किया जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश/संदीप

   

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