आस्था, उमंग और उत्साह का पर्व मकर संक्रांति राधा स्वामी आश्रम में उल्लास के साथ मनाई गई

घगवाल,14जनबरी। आस्था, उमंग और उत्साह का पर्व मकर संक्रांति ऐतबार को जिला सांबा कि सीमांत तहसील राजपुरा के गांब सनूरा में स्थित राधा स्वामी आश्रम में उल्लास के साथ मनाई गई।  मकर संक्रांति पर राधा स्वामी आश्रम में संगत ने हाजिरी लगाई और संत गुरु अंग्रेज दास जी महाराज के चरणों में शीश झुकाकर परिवार की सुख-शांति के लिए प्रर्थाना की।दोपहर एक बजे के बाद भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें कई लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया है। इस अबसर पर संत अंग्रेज दास जी महाराज ने बताया कि मकर संक्रांति को सूर्य उत्‍तरायण का पर्व माना जाता है,मान्‍यता है कि इसी दिन सूर्य उत्‍तरायण होते हैं। उत्‍तरायण यानी सूर्य का उत्‍तर दिशा की ओर गमन, इस कारण मकर संक्रांति के पर्व को उत्‍तरायण पर्व के नाम से भी जाना जाता है। उत्‍तरायण को शास्‍त्रों में बेहद शुभ माना गया है। इसे देवताओं का समय कहा जाता है। जब सूर्य उत्‍तरायण होता है तो दिन बड़ा होने लगता है और रात छोटी होने लगती है। कहा जाता है कि महाभारत काल में भीष्‍म पितामह ने बाणों की शैय्या पर लेटकर उत्‍तरायण का इंतजार किया था और मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्‍तरायण होने के बाद ही अपने प्राणों को त्‍यागा था। संत अंग्रेज दास जी महाराज ने बताया कि हिंदू धर्म में सूर्य देव को प्रत्यक्ष देव कहा गया है। जो प्रतिदिन साक्षात दर्शन देकर सारे जगत में ऊर्जा का संचार करते हैं। ज्योतिष में सूर्य को नवग्रहों का स्वामी माना जाता है। मान्यता है कि सूर्य अपनी नियमित गति से राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य के इसी राशि परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है। इस तरह साल में 12 संक्रांति तिथियां पड़ती हैं। जिनमें से मकर संक्रांति सबसे महत्वपूर्ण है। मकर संक्रांति को उत्तर भारत में खिचड़ी के नाम से भी जाना जाता है। इस मौके पर पूर्व मंत्री यशपाल कुंडल, पूर्व विधायक दुर्गादास, डीडीसी सदस्य आशारानी, बीडीसी चेयरमैन राधेश्याम शर्मा,बीडीसी चेयरमैन विजय टगोत्रा, सरपंच दविंदर सिंह, भाजपा मंडल अध्यक्ष कुलभूषण सिंह, भाजपा जिला उपाध्यक्ष किसान मोर्चा राजेश जसरोटिया, लंबरदार मोहिंदर सिंह,गणेश वर्मा सहित बड़ी संख्या में संगत मौजूद रहे।
 
 
 
 

   

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