राज्यपाल ने युवा संगम कार्यक्रम में छात्रों से बातचीत की

गुवाहाटी, 18 जनवरी (हि.स.)। राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने आज राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में एक भारत श्रेष्ठ भारत पहल के तहत असम और महाराष्ट्र के उच्च शिक्षण संस्थानों के 95 छात्रों के एक समूह के साथ बातचीत की।

एक भारत, श्रेष्ठ भारत के युवा संगम कार्यक्रम के तहत आयोजित एक इंटरैक्टिव कार्यक्रम में छात्रों के समूह से बात करते हुए राज्यपाल ने कहा कि छात्र दैवीय ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करते हैं और वे राज्यों के बीच सद्भावना का पुल हैं। वे विभिन्न राज्यों की विशिष्ट संस्कृतियों को समझने के लिए एक मजबूत मंच भी प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि छात्र विनिमय कार्यक्रम असम और महाराष्ट्र दोनों की युवा पीढ़ी को एक-दूसरे के मूल्यों और अनुभवों को सीखने और साझा करने की अनुमति देगा। उन्होंने यह कहा, युवा संगम कार्यक्रम पाठ्य पुस्तकों से कहीं आगे तक ज्ञान के पारस्परिक आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करता है, जो एक-दूसरे के रीति-रिवाजों, परंपराओं और भाषाओं की गहरी समझ को बढ़ावा देता है।

राज्यपाल ने बातचीत के दौरान यह भी कहा कि भारत दुनिया में सबसे बड़ी युवा शक्ति वाला देश है। किसी भी राष्ट्र की सामाजिक-आर्थिक एवं सांस्कृतिक प्रगति में युवाओं की भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण होती है। इसलिए देश की युवा शक्ति का सही ढंग से प्रबंधन करना जरूरी है।

राज्यपाल कटारिया ने यह भी कहा, “युवा शक्ति ही वह शक्ति है जिसके माध्यम से हमारा देश समृद्ध होगा। लेकिन, उन्हें सही दिशा देने की जरूरत है। उन्हें सपने देखना और खोज करना सिखाया जाना चाहिए। वे हमारे देश के भविष्य हैं।” उन्होंने एक शिक्षक के सर्वोपरि महत्व पर भी बात की जो युवाओं को प्रगति और समृद्धि के रास्ते पर ले जाने के लिए एक शक्ति के रूप में कार्य करता है। यदि शिक्षक नहीं होते तो कोई भी विकास संभव नहीं होता। शिक्षकों को छात्रों में 'मानव की सेवा' के मूल्यों को विकसित करना चाहिए। उन्हें समाज और राष्ट्र में योगदान देने के लिए मार्गदर्शन करना चाहिए।

राज्यपाल ने वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव और माधवदेव, वीर लाचित बरफूकन और अन्य महान नायकों की भी चर्चा की, जिन्होंने राज्य के विकास में बहुत योगदान दिया। इसी तरह उन्होंने शिवाजी और महाराणा प्रताप की वीरता के बारे में भी बताया, जिन्होंने अपनी मातृभूमि की प्रगति में योगदान दिया। राज्यपाल ने छात्रों से देश की समृद्ध विरासत और बहादुर नेताओं से सीख लेने और उनसे प्रेरणा लेने को भी कहा।

छात्रों के साथ छात्र मामलों के डीन प्रो पेरुमल अलगरसामी, डीन पीआरबीआर, आईआईटी गुवाहाटी डॉ परमेश्वर कृष्णन अय्यर और उनके समन्वयक भी थे।

उल्लेखनीय है कि यह कार्यक्रम शिक्षा मंत्रालय द्वारा देश भर में युवाओं के साथ लोगों के जुड़ाव को मजबूत करने और सहानुभूति पैदा करने के लिए संकल्पित युवा संगम चरण तीन की एक पहल है। यह कार्यक्रम उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले युवाओं के लिए एक्सपोज़र टूर आयोजित करने पर केंद्रित है।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीप्रकाश/अरविंद

   

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