मां लक्ष्मी की झलक पाने को शाम तक उमड़ता रहा भक्तों का सैलाब

मथुरा, 18 जनवरी (हि.स.)। पौष माह के चौथे गुरुवार को यमुना के किनारे बेलवन में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। दूर-दूर से आए हजारों श्रद्धालुओं ने मां लक्ष्मीजी के दर्शन कर सुख-समृद्धि की कामना की।

विदित रहे कि मांट से करीब पांच किलोमीटर दूर यमुना किनारे बेलवन में लक्ष्मीजी का मंदिर है। जहां पौष माह के चौथे गुरुवार को घना कोहरा और कड़ाके की ठंड के बावजूद सुबह तड़के से बेलवन में मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। मां लक्ष्मीजी के दर्शनों को सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। मंदिर परिसर मां लक्ष्मीजी और भगवान कृष्ण के जयकारों से गुंजायमान रहा।

श्रद्धालुओं ने मंदिर में मां लक्ष्मीजी के दर्शन कर मनौती मांगी और भंडारों में बंट रही दाल-चावल की खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया। लक्ष्मीजी की तपस्थली के रूप में विख्यात बेलवन भगवान श्रीकृष्ण की महारास लीला से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि राधा-कृष्ण के महारास देखने की अभिलाषा में वैकुंठ से चलकर स्वयं लक्ष्मीजी आई थी। जब उन्हें महारास में प्रवेश नहीं मिला, तो वह यमुना किनारे बेलवन में तपस्या करने लगी।

मान्यता है कि यहां लक्ष्मीजी हाथ जोड़कर भगवान श्रीकृष्ण की आराधना में लीन है। पौष मास में गुरुवार को लक्ष्मीजी के दर्शन का विशेष महत्व माना गया है। जिससे पौष माह के हर गुरुवार दर्शन के लिए भक्तों की खासी भीड़ आती है।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश/राजेश

   

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