उप्र के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति खराब, उपभोक्ता परिषद ने रोस्टर समाप्त करने की मांग की

लखनऊ, 24 जनवरी (हि.स.)। भारत सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति की रेटिंग में भी उप्र की बिजली कंपनियां फिसड्डी साबित हुई हैं। उप्र राज्य उपभोक्ता परिषद ने तत्काल रोस्टर सिस्टम समाप्त कर बिजली कंपनियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि रोस्टर समाप्त करने से प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत बढ़ेगी और विद्युत आपूर्ति सुधरेगी।

यह बता दें कि मध्य गुजरात बिजली कंपनी व उत्तर गुजरात बिजली कंपनी द्वारा 23.92 घंटा ग्रामीण विद्युत आपूर्ति का रिकॉर्ड बनाया गया है। वहीं देश में 19 बिजली कंपनियां औसत एवरेज से नीचे रही और 35 बिजली कंपनियां भारतीय औसत विद्युत आपूर्ति से ऊपर रही। पश्चिमांचल की ग्रामीण क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति देश में सबसे ज्यादा खराब रही।

रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड( आर0ई0सी )द्वारा द्वारा देश के सभी राज्यों की कंज्यूमर सर्विस रेटिंग जारी की गई। इसमें पूरे देश के 62 बिजली कंपनियों को शामिल किया गया। सभी पैरामीटर को मिलाकर 100 नंबर निर्धारित किए गए। उसमें आवर्त ऑफ सप्लाई इंटरप्शन इंडेक्स और वितरण ट्रांसफार्मर फेल होने पर ही केवल 45 नंबर निर्धारित किया गया। यानी की आपूर्ति के घंटे सबसे प्रमुख पैरामीटर माना गया। उत्तर प्रदेश के मामले में बात करें तो उत्तर प्रदेश में लगभग तीन करोड 30 लाख विद्युत उपभोक्ता है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में ही केवल 80 प्रतिशत कुल उपभोक्ता है।

रेटिंग में भारतीय अधिकतम विद्युत आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्र के लिए जो सामने आई वह 23.92 घंटा है। इसी प्रकार भारतीय औसत विद्युत आपूर्ति ग्रामीण के लिए 21.26 घंटा और भारतीय न्यूनतम विद्युत आपूर्ति जो ग्रामीण के लिए सामने आई वह 15.17 घंटा रहा। सबसे बडा चौकने वाला मामला यह है कि उत्तर प्रदेश की कोई भी बिजली कंपनी ग्रामीण क्षेत्र में न तो भारतीय अधिकतम विद्युत आपूर्ति में स्थान बना पाई और न ही भारतीय औसत विद्युत आपूर्ति में अपना स्थान बना पाई जो अपने आप में चिंता का विषय है।

सबसे चिंता की बात यह है कि उत्तर प्रदेश की पश्चिमांचल विद्युत वितरण कंपनी ग्रामीण क्षेत्र में देश की सबसे कम विद्युत आपूर्ति करने वाली बिजली कंपनी घोषित हुई और उसे भारतीय मिनिमम 15.17 घंटा विद्युत आपूर्ति ही कर पाई। वहीं मध्यांचल विद्युत वितरण कंपनी 17.61 घंटा दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम 18.57 घंटा, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम 19.11 घंटा, उत्तर प्रदेश की निजी घराने की नोएडा पावर कंपनी 19.16 घंटा ही विद्युत आपूर्ति कर पाई यानी कि न तो भारतीय अधिकतम में स्थान बना पाई, न ही भारतीय औसत में स्थान बना पाई।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि भारत में प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष ऊर्जा की खबत लगभग 1327 यूनिट है। वहीं उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत आज भी प्रति वर्ष 629 प्रति यूनिट से 650 प्रति यूनिट के बीच है। सबसे टॉप ग्रामीण क्षेत्र में जो भारतीय अधिकतम विद्युत आपूर्ति करने वाली बिजली कंपनी है, वह मध्य गुजरात बिजली कंपनी व उत्तर गुजरात बिजली कंपनी है, जिसके द्वारा 23.9 2 घंटा विद्युत आपूर्ति का रिकॉर्ड बनाया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/सियाराम

   

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