दशकों पुरानी परम्परा की बैलगाड़ी प्रतियोगिता पर प्रशासन ने लगाई रोक

हमीरपुर, 24 जनवरी (हि.स.)। गणतंत्र दिवस पर मौदहा कस्बे में लगभग तीन दशक से आयोजित होने वाली बैलदौड़ प्रतियोगिता इस बार नहीं होगी। जिसके चलते कस्बे सहित क्षेत्रवासियों में निराशा है तो वहीं प्रशासन ने गुटबाजी और यातायात बाधित होने के साथ ही पुलिस बल की कमी और हादसे का अंदेशा जताते हुए इस प्रतियोगिता की अनुमति देने से मना कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि मौदहा कस्बे के हुसैन गंज में प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस पर प्रदेश स्तरीय बैलदौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है, जिसमें कपसा रोड पर स्थित रेलवे क्रासिंग से कमेला ग्राउंड के निकट तक लगभग तीन किलोमीटर की दूरी की प्रतियोगिता होती है। जिसका आनंद लेने के लिए हजारों की संख्या में क्षेत्रीय लोग इकट्ठा होते हैं। जिसमें ग्रामीणों की संख्या भी काफी होती है। हालांकि इस प्रतियोगिता में बड़े-बड़े वीआईपी और राजनीतिक दलों के नेता मुख्य अतिथि की भूमिका भी निभा चुके हैं।

इस साल भी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाना था, जिसके होर्डिंग मौदहा कस्बे में लग चुके थे और बैलदौड़ प्रतियोगिता की अनुमति भी एसडीएम द्वारा दी जा चुकी थी। लेकिन अचानक एसडीएम ने बैलदौड़ प्रतियोगिता की अनुमति को निरस्त कर दिया, जिससे जहां आयोजकों को झटका लगा है तो वहीं कस्बे सहित क्षेत्र वासियों में निराशा है।

बैलदौड़ प्रतियोगिता की अनुमति निरस्त करने में एसडीएम ने क्षेत्राधिकारी श्रेयस त्रिपाठी और कोतवाली प्रभारी चंद्रशेखर की आख्या को आधार माना है। जिसमें पुलिस ने कहा है कि गणतंत्र दिवस पर पुलिस को बाहरी जनपद में जाना पड़ेगा, ऐसे में पुलिस के जवानों की ड्यूटी लगाने में परेशानी हो सकती है।

साथ ही बैलदौड़ प्रतियोगिता में गुटबाजी, पशुओं को मारपीट कर दौड़ाने में पशुओं के साथ होने वाली क्रूरता और प्रतियोगिता में होने वाले हादसे की आशंका को कारण बताया गया है। इसके साथ ही पशु या इंसान के जीवन को भी खतरा हो सकता है। इसके अलावा बांदा मौदहा की मुख्य सड़क पर बैलदौड़ प्रतियोगिता होने के कारण यातायात बाधित होने को भी आधार बनाया गया है।

गौरतलब है कि बीते साल नवंबर में तत्कालीन क्षेत्राधिकारी ने सपा नेता जावेद मेजर के प्रार्थना पत्र पर अनुमति दी थी और उसके बाद हुसैनिया निवासी वसीम उददीन उर्फ बच्चा ने भी अनुमति के लिए आवेदन किया था। जबकि दोनों एक दूसरे के विरोधी बताए जाते हैं। इस बार भी गुटबाजी की सम्भावना बढ़ी है, जिसके चलते बैलदौड़ प्रतियोगिता की अनुमति निरस्त की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज/राजेश

   

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