यूपी बोर्ड की परीक्षा : नकल रोकने के लिए कई विभागों के बीच स्थापित किया गया समन्वय

22 फरवरी से 9 मार्च तक प्रदेश भर में आयोजित की जाएंगी यूपी बोर्ड की परीक्षाएं

लखनऊ, 04 फरवरी (हि.स.)। 22 फरवरी से शुरू हो रही यूपी बोर्ड की परीक्षाओं को नकलविहीन कराने के लिए व्यापक पैमाने पर तैयारी की गई है। सरकार का पूरा फोकस सुरक्षा व्यवस्था को लेकर है। इसके लिए स्ट्रांग रूम से लेकर उत्तर पुस्तिकाओं के कलेक्शन सेंटर की सुरक्षा की फूलप्रूफ योजना है। इसके साथ ही संवेदनशील और अतिसंवेदनशील परीक्षा केंद्रों की निगरानी के लिए एलआईयू की मदद ली जाएगी। अन्य विभागों के साथ भी समन्वय स्थापित किया गया है, जिससे परीक्षाओं को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।

यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 22 फरवरी से शुरू हो रही हैं, जो नौ मार्च तक चलेंगी। इस बार हाईस्कूल (29,47,325)और इंटरमीडिएट (25,77,965) में कुल 55,25,290 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं बोर्ड की ओर से प्रदेश भर में कुल 8265 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें राजकीय परीक्षा केंद्रों की संख्या 566 है, सवित्त परीक्षा केंद्र 3479 और वित्तविहीन 4220 परीक्षा केंद्र हैं।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि बोर्ड परीक्षा में सुरक्षा को लेकर सीएम योगी की मंशा के अनुरूप पुलिस प्रशासन की मदद से व्यापक तैयारी की गई है। इसके तहत, स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए अनिवार्य रूप से सशस्त्र बल की व्यवस्था की जा रही है, ताकि पेपर लीक या किसी अन्य तरह की सिक्योरिटी ब्रीच न हो सके। इसके साथ ही, उत्तर पुस्तिका के कलेक्शन सेंटर पर भी सुरक्षा की व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश के वो परीक्षा केंद्र जिन्हें संवेदनशील या अतिसंवेदनशील श्रेणी में रखा गया है, उनकी विशेष निगरानी एलआईयू के माध्यम से कराई जाएगी।

संवेदनशील और अतिसंवेदनशील परीक्षा केंद्र वो हैं, जहां पहले नकल या अन्य तरह की अव्यवस्था का कोई ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। इनको लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इसी तरह, बाह्य नकल की रोकथाम के लिए संबधित क्षेत्राधिकारी और थानाध्यक्ष की पेट्रोलिंग सुनिश्चित की जाएगी। इसके अतिरिक्त परीक्षा कार्य में बाधक तत्वों के विरूद्ध संज्ञेय अपराध के अंतर्गत कार्यवाही और अनुचित मुद्रण या प्रकाशन तथा अफवाह पर कठोर कार्यवाही के लिए योजना पर काम किया गया है।

उन्होंने बताया कि बोर्ड परीक्षाओं के दौरान जिला प्रशासन भी मुस्तैद रहेगा। प्रस्तावित योजना के अनुसार, बोर्ड परीक्षाओं को सकुशल संपन्न कराने के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट तथा स्टैटिक मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की जाएगी एवं उनका प्रशिक्षण भी कराया जाएगा। प्रशासन से अपील की गई है कि स्टैटिक मजिस्ट्रेट को सामान्यतः बदला न जाए। इसके अतिरिक्त नकल पर अंकुश लगाने के लिए परीक्षा केंद्रों के पास आवश्यकतानुसार धारा-144 लागू करने सहित अन्य एहतियाती उपाय किए जाने पर सहमति बनी है। यही नहीं, परीक्षा केंद्र के आस-पास फोटो कॉपियर दुकानों पर भी रोक लगाई जाएगी, ताकि किसी तरह के भ्रम की स्थिति नहीं होने पाए।

उन्होंने बताया कि परीक्षाओं को लेकर अन्य विभागों से भी समन्वय किया गया है। इसके तहत परिवहन विभाग से अनुरोध किया गया है कि बसों को निर्धारित समयानुसार नियमित संचालित किया जाए एवं संबंधित स्टाफ को परीक्षार्थियों के साथ सहयोग करने के लिए निर्देशित किया जाए। ऊर्जा विभाग से भी अपील की गई है कि परीक्षा अवधि में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो। बेसिक शिक्षा विभाग से कक्ष निरीक्षक की ड्यूटी के लिए शिक्षकों को कार्यमुक्त करने में सहयोग के लिए कहा गया है, जबकि पर्यवेक्षण के लिए अधिकारी उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया गया है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग से परीक्षा केंद्रों में प्राथमिक उपचार की व्यवस्था करने के लिए और पंचायतीराज एवं नगर विकास विभाग से परीक्षा केंद्र के चारों तरफ साफ-सफाई एवं सैनीटाइजेशन के लिए रिक्वेस्ट की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/बृजनंदन

   

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