जाट महापड़ाव के नौंवें दिन धरना स्थल पर भीड़ जुटी, तैयार रहने का आह्वान

भरतपुर, 25 जनवरी (हि.स.)। जाट समाज के महापड़ाव का गुरुवार को नौंवां दिन है। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने आज समाज के लोगों से ज्यादा से संख्या में महापड़ाव में पहुंचने को कहा है। जाट समाज की 11 सदस्य कमेटी वार्ता के लिए जयपुर तो गई, लेकिन मुख्यमंत्री की व्यस्तता के चलते मुलाकात नहीं हो सकी। हालांकि, जाट समाज अभी तक कोई निर्णय पर नहीं पहुंचा है। 24 जनवरी को नेम सिंह फौजदार ने समाज के लोगों को अपने-अपने गांव में तैयार रहने को कहा था। जाट आरक्षण संघर्ष समिति किसी न किसी निर्णय पर पहुंच सकती है।

भरतपुर धौलपुर के जाट समाज को केंद्र में आरक्षण देने की मांग को लेकर 17 जनवरी को महापड़ाव शुरू किया गया था। जाट समाज की तरफ से ऐलान किया गया था कि अगर 22 जनवरी की शाम पांच बजे तक सरकार से वार्ता नहीं होती है तो, आंदोलन उग्र कर दिया जाएगा। 21 जनवरी को सीएम से वार्ता का संदेश लेकर अधिकारी पहुंचे। इसके बाद जाट समाज की 11 सदस्य कमेटी वार्ता के लिए रवाना हुई। कमेटी की सीएम से वार्ता नहीं हो पाई।

फौजदार ने बताया कि हमें मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने को कहा गया था। इसके बाद हमसे कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ रहे हैं और सीएम उन्हीं की अगुवाई के कार्यक्रम में व्यस्त हैं। इसके बाद हमें उनसे मिलने का समय ही नहीं दिया गया। संघर्ष समिति नहीं चाहती कि किसी तरह का कोई आंदोलन हो। सरकार खुद आंदोलन उग्र करवाना चाहती है। जाट आरक्षण के लिए यह आंदोलन आखिरी आंदोलन है और यह आर-पार का होगा। सरकार की मंशा इस तरह की रहती है कि आंदोलन उग्र हो जाए आग लग जाए उसके बाद वार्ता की जाए। दो वार्ताएं थी वो सकारात्मक रही। लेकिन, सीएम से वार्ता नहीं हो पाई है।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित

   

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