लखनऊ विश्वविद्यालय के 100 वर्ष पूरे होने पर बना विशालकाय द्वार

लखनऊ, 02 फरवरी (हि.स.)। वृहद क्षेत्र में निर्मित लखनऊ विश्वविद्यालय के 100 वर्ष पूर्ण होने पर विज्ञान संकाय के सामने नये विशालकाय स्वागत द्वार को बनाया गया है। विशालकाय स्वागत द्वार के ऊपर वैसे ही गुंबद बना है, जैसे विश्वविद्यालय के मुख्य भवन के ऊपर निर्मित है। स्वागत द्वार को अंतिम रुप देते हुए पत्थरों से सुशोभित किया जा रहा है।

लखनऊ विश्वविद्यालय के रजिस्टार डा.विनोद ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय के विभिन्न द्वारों में द्वार संख्या एक अपने आप में विशालकाय द्वार है लेकिन उसके कुछ मीटर भीतर बने होने के कारण उसके स्वरुप को सड़क से देखा नहीं जा पाया जाता है। इस कारण कुलपति और विश्वविद्यालय समिति की ओर से विशालकाय द्वार बनाने के उद्देश्य से योजना बनायी गयी और तीन माह के कार्य अवधि के उपरांत द्वार को पूरा कर लिया गया है।

शतक वर्ष में कई कार्यक्रमों की योजना

रजिस्ट्रार डा.विनोद ने कहा कि शतक वर्ष में कई कार्यक्रमों की योजना बनायी गयी है। विश्वविद्यालय की विभिन्न संकायों में विभिन्न कार्यक्रम होने है। इसके लिए संकायाध्यक्षों की बड़ी भूमिका रहनी है। विश्वविद्यालय परिवार अपने 100 वर्ष को हर्ष उल्लास के साथ पूरा करेगा।

— छात्र-छात्राओं को सेल्फी का इंतजार

लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को सेल्फी के लिए स्वागत द्वार का इंतजार है। उनके अनुसार वे चाहते है जल्द ही स्वागत द्वार बनकर तैयार हो। जिसके बाद वे द्वार के सामने खड़े होकर सेल्फी ले सके। संकाय के साथियों और प्रोफेसरों के साथ ग्रुप में फोटो लेने की भी उनकी इच्छा है।

हिन्दुस्थान समाचार/ शरद /बृजनंदन

   

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