जाति प्रमाण पत्र में प्रतिबंधित जाति सूचक शब्द का प्रयोग, कार्रवाई की मांग

गोपेश्वर, 02 फरवरी (हि.स.)। चमोली जिले के नंदानगर घाट के जोखना गांव निवासी एक युवक के अनुसूचित जाति के निर्गत जाति प्रमाण पत्र में उप जाति के स्थान पर प्रतिबंधित जाति सूचक शब्द का प्रयोग किये जाने से अनुसूचित जाति के लोगों में भारी रोष व्याप्त है। जिसको लेकर शुक्रवार को अनुसूचित जाति के विभिन्न संगठनों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर मामले में चूक करने वाले अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की है।

मामला चमोली जिले के नंदानगर घाट के जोखना गांव का है। यहां के एक युवक सचिन कुमार ने सीएससी सेंटर के माध्यम से अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन किया। जिसके बाद यह आवेदन संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के माध्यम से जांच के बाद चमोली तहसील को भेजा गया, जहां से इसे निर्गत किया जाना था। जब यह प्रमाण पत्र अंतिम जांच अधिकारी के बाद निर्गत हुआ तो उसमें अनुसूचित जाति की उप जाति के स्थान पर एक ऐसा शब्द उप जाति के लिए प्रयुक्त किया गया है जो कि प्रतिबंधित है। जिसके बाद यह प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसके बाद चमोली जिले के अनुसूचित जाति के लोगों में आक्रोश पैदा हो गया। इसके बाद अनुसूचित जाति के विभिन्न संगठनों जिनमें वैचारिक महासभा, मूलनिवासी संघ चमोली, मूलनिवासी विद्यार्थी संघ, शिल्पकार सभा, सेवास्तभ, कर्मचारी कल्याण महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को जिलाधिकारी से मिला।

अनुसूचित जाति संगठनों के पदाधिकारियों कहना है कि पूर्वाग्रह से ग्रस्त अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए जो समाज में विद्वेष फैलाने के साथ ही अनुसूचित जाति के लोगों को अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की कि ऐसे अधिकारी व कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।

हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/वीरेन्द्र

   

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