प्रवर समिति ने चिह्नित आंदोलनकारियों संबंधी बिल सदन में प्रस्तुत किया

देहरादून, 06 फरवरी (हि.स.)। प्रवर समिति विधानसभा ने मंगलवार को उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चिह्नित आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में आरक्षण विधेयक 2023 को जिसे 8 सितम्बर 2023 को प्रवर समिति को सौंपा गया था, उसका प्रतिवेदन विधानसभा को साैंप दिया है।

इस समिति के सभापति प्रेमचंद अग्रवाल और सदस्यों में मुन्ना सिंह चौहान,विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, शहजाद, मनोज तिवारी तथा भुवनचंद कापड़ी शामिल हैं। विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों में शहंशाह मोहम्मद दिलवर दानिश, चंद्रमोहन गोस्वामी, नरेंद्र सिंह रावत, लक्ष्मीकांत उनियाल और बहादुर सिंह नेगी शामिल हैं। इस प्रतिवेदन में चिह्नित आंदोलनकारियों या उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में आरक्षण विधेयक प्रवर समिति द्वारा संशोधित किया गया है। यह विधेयक 11 अगस्त 2004 के पश्चात उत्तराखंड सरकार द्वारा समय-समय पर जारी शासनादेशों के अधीन विभिन्न राजकीय सेवाओं हेतु चयनित आंदोलनकारियों की नियुक्ति वेध मानी जाएगी।

इसमें प्रस्ताव किया गया है कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन के चिन्हित आंदोलनकारियों तथा उनके आश्रितों के संदर्भ में आरक्षण विधेयक सदन में प्रस्तुत किया गया। इस व्यवस्था के तहत उत्तराखंड राज्य की राज्याधीन सेवाओं में चयन के समय चिन्हित आंदेालनकारियों या उनके आश्रितों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा। यह निर्णय समिति से लिया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/ साकेती/रामानुज

   

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