मनरेगा छापेमारी पर बोली तृणमूल - ध्यान भटकाने की कोशिश

कोलकाता, 06 फरवरी (हि.स.)। तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में मनरेगा में फर्जी जॉब कार्ड बनाकर केंद्रीय धन के गबन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी को प्रतिशोध की राजनीति करार दिया है।

पार्टी ने कहा है कि यह छापेमारी राज्य का बकाया दिए जाने की मांग को लेकर पार्टी के जारी धरने से ध्यान हटाने का भारतीय जनता पार्टी का हताशा में उठाया गया कदम करार दिया। अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने ''मनरेगा'' धन आवंटन में कथित हेरफेर संबंधी अपनी जांच के संबंध में मंगलवार सुबह पश्चिम बंगाल के कुछ अधिकारियों के आवास सहित कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की। इस पर तृणमूल के वरिष्ठ नेता शशि पांजा ने जोर देकर कहा, ''यह राज्य का बकाया दिए जाने की मांग को लेकर तृणमूल के जारी धरने पर से जनता और मीडिया का ध्यान हटाने की एक कोशिश है। यह प्रतिशोध की राजनीति का एक स्पष्ट उदाहरण है।''

हालांकि भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया। भाजपा नेता समिक भट्टाचार्य ने कहा, ''वास्तविकता यह है कि तृणमूल भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है और लगभग पार्टी का हर नेता भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहा है।''

केंद्रीय एजेंसियों ने भ्रष्टाचार के अलग-अलग मामलों में पार्थ चटर्जी, ज्योतिप्रिय मल्लिक और अनुब्रत मंडल जैसे तृणमूल के वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार किया है। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा

   

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