राजभवन में तीन दिवसीय 'वसंतोत्सव' एक मार्च से

राज्यपाल वसंतोत्सव कार्यक्रम को लेकर बैठक राजभवन में करते हुए।

-वसंतोत्सव में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए : राज्यपाल

-वसंतोत्सव को उत्सव के रूप में आयोजित किया जाए

देहरादून, 06 फरवरी (हि.स.)। राजभवन में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी तीन दिवसीय वसंतोत्सव 01 मार्च शुभारंभ होगा। राज्यपाल ने इस आयोजन से संबंधित समुचित व्यवस्थाएं ससमय पूर्ण करने के अधिकारियों को निर्देश दिए।

मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि वसंतोत्सव को पूरे उमंग और उत्साह के साथ एक उत्सव के रूप में आयोजित किया जाये, जिसमें अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो। यह आयोजन राजकीय न रहकर इसमें प्राइवेट पार्टनरशिप को बढ़ावा दिया जाय और आम जनमानस इस आयोजन से जुड़ें।

राज्यपाल ने इस आयोजन का समुचित प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वसंतोत्सव के आयोजन को लोकल से ग्लोबल तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएं। यहां के पुष्पों की प्रदेश में ही नही अपितु देशभर में मार्केटिंग की जरूरत है।

राज्यपाल ने कहा कि वसंतोत्सव के माध्यम से उत्तराखंड में फ्लोरीकल्चर को बढ़ावा दिया जाए। पुष्प प्रदर्शनी को व्यवसायिक गतिविधियों से जोड़ा जाना आवश्यक है। यह आयोजन राज्य के दूर-दराज के पुष्पोत्पादन, जड़ी-बूटी, सगन्ध पौधों तथा अन्य जैविक उत्पादों की व्यावसायिक खेती से जुड़े काश्तकारों व उत्पादकों के लिए एक प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित होना चाहिए।

राज्यपाल ने निर्देश दिए कि वसंतोत्सव में आईएचएम व जीएमवीएन के साथ ही राज्य की महिला स्वयं सहायता समूहों के सौजन्य से फूड कोर्ट स्थापित किए जाएं, जिसमें मुख्य रूप से हमारे पारंपरिक मोटे अनाज ‘‘मिलेट’’ को वरीयता दी जाए। उन्होंने कहा कि वसंतोत्सव के माध्यम से विशेष रूप से शहद उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएगा।

राज्यपाल ने कहा कि पुष्पोत्पादन और कृषि गतिविधियों पर आधारित लगने वाले स्टॉल में महिलाओं की अधिकाधिक भागीदारी हो और उन्हें स्टॉल लगाने के वरीयता दी जाय।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि पुष्प प्रदर्शनी में 15 विभिन्न श्रेणियों में प्रतियोगिताएं आयोजित की गई हैं। वसंतोत्सव में आई.टी.बी.पी, आई.एम.ए, पीएसी, स्काउट एंड गाइड, होमगार्डस के आकर्षक बैंड के माध्यम से प्रस्तुतियां दी जाएंगी। संस्कृति विभाग के सौजन्य से लोक कलाकार राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक भी प्रस्तुत करेंगे। योगा और मार्शल आर्ट से संबंधित प्रदर्शन भी इस दौरान आयोजित होंगे।

वसंतोत्सव में पहली बार हाइड्रोपोनिक खेती तकनीक प्रदर्शन को भी शामिल किया गया है। जिसके लिए तीन पुरस्कार दिए जाएंगे। रूफ टॉप गार्डनिंग, बोनसाई गार्डनिंग, टेरेरियम और शहद प्रसंस्करण से संबंधित प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जायेगी। व्यावसायिक, निजी पुष्प उत्पादकों सहित विभिन्न सरकारी उद्यानों की पुष्प प्रदर्शनी एवं प्रतियोगिता, पुष्प आधारित रंगोली प्रतियोगिताएं भी आयोजित होंगी।

वसंतोत्सव में फूलों और प्राकृतिक सौन्दर्य पर आधारित फोटो प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी। पुष्प प्रदर्शनी, प्रतियोगिता के लिए विभिन्न श्रेणियों की कई प्रतियोगिताएं प्रस्तावित हैं, जिनमें कट फ्लावर, पौटेड प्लांट अरेंजमेंट, लूज फ्लावर अरेंजमैंट, हैंगिंग पॉट्स जैसी सभी प्रतियोगिताओं के साथ-साथ ‘ऑन द स्पॉट फोटोग्राफी’ भी आयोजित होगी।

बैठक में सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, सचिव कृषि एवं उद्यान विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव राज्यपाल स्वाति एस. भदौरिया, निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण दीप्ति सिंह, अपर निदेशक डॉ. आर.के.सिंह, वित्त नियंत्रक राज्यपाल डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय सहित पर्यटन, उद्यान, आई.टी.बी.पी, आई.एम.ए, ओ.एन.जी.सी, आई.एच.एम, जी.एम.वी.एन, पर्यटन, भारतीय डाक, वन विभाग, पुलिस, संस्कृति, तथा उद्यान आदि विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

/रामानुज

   

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