दिल्ली हाट के वेदांता कल्चर फेस्टिवल में थार के क्राफ्ट और म्यूजिक की धूम

बाड़मेर, 11 फ़रवरी (हि.स.)। दिल्ली की सांस्कृतिक राजधानी दिल्ली हाट-आईएनए में वेदांता कल्चर फेस्टिवल में इन दिनों बाड़मेर का शिल्प और संगीत धूम मचा रहा है। नौ फरवरी से शुरू हुए इस आयोजन में 14 फरवरी तक आर्ट, क्राफ्ट और कल्चर की विविधता का जश्न मनाया जा रहा है। फेस्टिवल ने सभी उम्र के दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया है।

वेदांता और अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (आफ़) के समर्थन से अनेक कुशल कारीगर इस फेस्टिवल के माध्यम से शहरी लोगों को पारंपरिक शिल्प कौशल के करीब ला रहे हैं। फेस्टिवल ग्राउंड में जाते ही दर्शकों का स्वागत आकर्षक रंगों और प्रभावशाली संगीत से होता है। राजस्थान के मशहूर मिट्टी के बर्तनों से लेकर विभिन्न प्रकार के लोक संगीत तक, यह फेस्टिवल भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के जरिए एक दिल को छू लेने वाले सफर पर ले जाता है। इस पूरे फेस्टिवल के दौरान जो प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं वह भारत के आर्टिस्टिक ट्रेडिशन्स को समर्पित अनेक गतिविधियों और प्रदर्शनों के जरिए अपनी कला को पेश कर रहे हैं। बाड़मेर से भुट्टे खान ट्रूप के मांगणियार संगीतकारों की मधुर धुनें जवानों और बूढ़ों को एक जैसे ही थार के रेत के टीलों की ओर ले जाने का काम करती हैं।

मनोरंजन और प्रेरणा देने के उद्देश्य से आयोजित इस फेस्टिवल में भारत के दिल और आत्मा की झलक दिखती है। इस फेस्टिवल के प्रमुख आकर्षणों में ‘ग्रामीण विकास चेतना संस्थान’ (जीवीसीएस) की संस्थापिका नारी सम्मान पुरस्कार से सम्मानित रुमा देवी के साथ एक इंटरेक्टिव सेशन भी शामिल है। इस सेशन में सामाजिक उद्यमी रूमा देवी हजारों ग्रामीण महिलाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें आजीविका से जोड़कर इस पूरे नेटवर्क को सशक्त बनाने के अपने प्रेरणादायक सफर के बारे में बताएंगी। आफ़ के प्रमुख महिला और बाल कल्याण परियोजना नंद घर से जुड़े समता माता स्वयं सहायता समूह की रजनी राठौड़ और श्याम सिंह राठौड़ फेस्टिवल में मोमबत्ती बनाने की कला का प्रदर्शन करेंगे।

फेस्टिवल में पारंपरिक रूप से हाथ से बने कपड़े, ताजा मसाले, गिर गाय का घी, अचार, दालें, हस्तनिर्मित कैरी बैग, साड़ी, दुपट्टे और खिलौनों के माध्यम से कारीगरों द्वारा जीवंत की गई कुछ उत्कृष्ट वस्तुएं प्रदर्शित की जा रही हैं। यहां पहुँचने वाले दर्शक, बालकों द्वारा पेश किए जा रहे चावल से बनने वाली छत्तीसगढ़ी विशेषता फर्रा और एक अद्भुत पारंपरिक चाय बनाने के तरीके 'उन्नाटी' के लाइव प्रदर्शन में भी शामिल हो सकते हैं। यहां आए क्राफ्ट्समैन को वेदांता समूह एवं बालकों, हिंदुस्तान जिंक, केयर्न और टीएसपीएल जैसी वेदांता की व्यावसायिक यूनिट्स द्वारा संचालित आफ़ की विभिन्न सामाजिक प्रभाव पहलों के जरिए समर्थन दिया जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर

   

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