बेहतर अनुशासन, नियमितता व समयबद्धता से बढ़ाएं न्यायालयों की प्रतिष्ठा-राजेश्वर सिंह

बेहतर अनुशासन, नियमितता व समयबद्धता से बढ़ाएं न्यायालयों की प्रतिष्ठा-राजेश्वर सिंह

अजमेर,14 फरवरी(हि.स.)। राजस्व मण्डल अध्यक्ष राजेश्वर सिंह ने कहा कि राजस्व न्यायालयों को अपनी कार्यप्रणाली में श्रेष्ठ अनुशासन, नियमितता एवं जन साधारण के प्रति प्रतिबद्धता को अपनाते हुए सेवाएं देने की महती आवश्यकता है।

सिंह बुधवार को राजस्व मंडल सभागार में आयोजित राजस्व न्यायालयों की कार्यप्रणाली में सुधार एवं नवाचारों को लेकर वर्ष 2023 में आयोजित निबंध प्रतियोगिता एवं राज्य के राजस्व अधीनस्थ न्यायालयों के स्तर से पारित सर्वश्रेष्ठ राजस्व निर्णय प्रतियोगिता के श्रेष्ठ प्रतिभागियों के सम्मान समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। इस समारोह में निबन्ध प्रतियोगिता के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी, राजस्थान प्रशासनिक सेवा अधिकारी, राजस्व अधिकारी एवं कर्मचारी संवर्ग तथा अभिभाषक व आम नागरिक वर्ग के तहत राज्यभर से प्राप्त प्रविष्टियों में से मूल्यांकन आधार पर श्रेष्ठ निबन्ध लेखन के लिए चयनित प्रतिभागी पुरस्कृत हुए।

उन्होंने कहा कि राजस्व न्यायालय के पीठासीन अधिकारी को चाहिये कि वे निर्णय पूर्ण तथ्य, विधिक प्रावधानों एवं विस्तारपूर्वक लिखें। निर्णय लेखन में न्यायालय की प्रक्रिया की अक्षरशः पालना की जावे।

उन्होंने निर्णय गुणवत्ता के लिये पीठासीन अधिकारी एवं अभिभाषकगण के नवीनतम ज्ञान से अद्यतन रहने की जरूरत बताते हुए कहा कि वे अपनी पूर्ण बौद्धिक क्षमता एवं लेखन कौशल का उपयोग करते हुए निर्णय पारित करें। उन्होंने कहा कि अनावश्यक राजस्व विवादों को रोकने के लिए भू अभिलेख को नियमित तौर पर आदिनांक किया जाए। शिविरों में भूमि आवंटन के मामलों में सार्वजनिक उद्देश्य के लिए आवंटित की जाने वाली भूमि का भी राजस्व रिकाॅर्ड में इन्द्राज किया जावे ताकि अतिक्रमण की स्थिति न बनने पाए।

निबन्धक महावीर प्रसाद ने कहा कि न्यायालयों को श्रेष्ठ निर्णय लेखन के लिए महत्वपूर्ण तत्वों को अपनाना होगा तभी राजस्व न्यायालयों की उपयोगिता सिद्ध होगी। मण्डल के वरिष्ठ सदस्य राम निवास जाट ने राजस्व अदालतों को सिविल न्यायालयों की कार्य प्रणाली के समान ही कानूनी प्रक्रियाओं, मानदण्डों एवं गुणवत्ता का अनुकरण करने पर जोर दिया।

भरतपुर संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने कहा कि न्यायालयों में पीठासीन अधिकारी स्वयं की भागीदारी के बगैर निर्णय लेखन की गुणवत्ता संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि राजस्व मण्डल स्तर पर लागू नवाचारों को स्वस्थ प्रतिस्पद्र्धा का प्रोत्साहनकारी बताया।

विधि छात्रा (कोटा) प्रियंका सिंह ने कहा कि मण्डल स्तर से प्रशासनिक, कार्मिक, अभिभाषक एवं आम नागरिकों के लिए निबन्ध प्रतियोगिताएं आयोजित किया जाना लोक-कल्याण के प्रति संवेदनशीलता का परिचायक है।

राजस्व न्यायालयों के स्तर से विगत वर्ष 2022-23 के दौरान पारित किए गए निर्णयों में से सर्वश्रेष्ठ निर्णय का चयन कर उसका राजस्व मंडल के स्तर पर मूल्यांकन किया गया। इनमें तीन स्तर से सर्वश्रेष्ठ निर्णय घोषित किये गए। इनमें भरतपुर संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा के निर्णय को राज्य स्तर पर प्रथम तथा कोटा के राजस्व अपील प्राधिकारी मनोज कुमार को राज्य स्तर पर द्वितीय स्थान, संभाग स्तर पर चयनित सर्वश्रेष्ठ निर्णय में सिरोही जिला कलेक्टर डॉ. भंवर लाल के निर्णय तथा जिला स्तर पर चयनित सर्वश्रेष्ठ निर्णय में नवलगढ़ सहायक कलेक्टर (फास्ट ट्रैक) दमयंती कंवर के निर्णय को सर्वश्रेष्ठ निर्णय के लिये सम्मानित किया गया।

पंचवर्गीय निबंध प्रतियोगिता के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी वर्ग में बाड़मेर जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित की प्रविष्टी को प्रथम स्थान मिला है। इसी प्रकार राजस्थान प्रशासनिक सेवा अधिकारी वर्ग से राजस्व अपील प्राधिकारी नागौर रिछपाल सिंह बुरड़क को प्रथम, राजस्व अधिकारी एवं कर्मचारी वर्ग से राजस्व मंडल भू अभिलेख शाखा के वरिष्ठ सहायक अशोक कुमार खीचड़ की प्रविष्टी को प्रथम, अनूपगढ़ जिला कलेक्टर के रीडर अटल चुघ को द्वितीय जबकि उपखंड अधिकारी कार्यालय फलौदी के वरिष्ठ सहायक नरपत राम चौधरी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार अधिवक्ता वर्ग में डीग के अधिवक्ता प्रवीण कुमार चौधरी प्रथम, श्रीगंगानगर के अधिवक्ता रंजीत सारडीवाल द्वितीय तथा राजस्व मंडल अजमेर के अधिवक्ता जुगराज सैनी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। आम नागरिक वर्ग में डॉ. गिरवर सिंह राठौड़ जयपुर को प्रथम, सेवानिवृत्त लेखाधिकारी राकेश गौड़ को द्वितीय जबकि कोटा की प्रियंका सिंह को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है।

हिन्दुस्थान समाचार/संतोष/ईश्वर

   

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