नक्सलियो के कोर इलाके में साढ़े तीन महीनों में किये गये 14 सुरक्षा कैम्प स्थापित

मैप सुकमा

पूवर्ती जहां से नक्सलियों की सरकार चलती थी, वहां पर पुलिस ने टेक्टीकल हेडक्वाटर की स्थापना

बस्तर संभाग में इंद्रावती टाईगर रिजर्व राष्ट्रीय उद्यान एवं अबूझमाड़ जहां अब नक्सली ले सकते हैं शरण

जगदलपुर, 18 फरवरी (हि.स.)। बस्तर संभाग में नक्सल प्रभावित इलाका अब सिमटने के साथ नक्सलवाद का प्रभाव बस्तर संभाग में अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार नवम्बर 2023 से आज दिनांक तक विगत साढ़े तीन महीनों में जिला बीजापुर में नवीन सुरक्षा कैम्प पालनार, डुमरीपालनार, चिंतावागू, कावडग़ांव, मुतवेण्डी एवं गुंडम तथा जिला सुकमा में नवीन सुरक्षा कैम्प मुलेर, परिया, सलातोंग, मुकराजकोण्डा, दुलेड़, टेकलगुड़ेम एवं पूवर्ती व जिला कांकेर में नवीन सुरक्षा कैम्प पानीडोबीर कुल 14 सुरक्षा कैम्प स्थापित किये गये हैं।

बस्तर संभाग का सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित बीजापुर एवं सुकमा जिले के सरहदी इलाके पूर्वती में जहां नक्सलियों के मिलेट्री बटालियन का हेड क्वार्टर था। उसी आधार क्षेत्र पूर्वर्ती जहां से नक्सलियों की सरकार चलती थी, वहां पर पुलिस व फोर्स ने कैंप ही नहीं खोला है, बल्कि पुलिस एवं फोर्स का टेक्टीकल हेडक्वाटर की स्थापना कर दिये जाने से अब बस्तर संभाग में नक्सलियों के लिए मात्र दो इलाका बचता है, जिसमें बीजापुर जिले का इंद्रावती टाईगर रिजर्व राष्ट्रीय उद्यान एवं अबूझमाड़ का इलाका जहां आबादी नहीं के बराबर है, अब नक्सली वहां शरण ले सकते हैं।

बस्तर संभाग अंतर्गत नक्सल प्रभावित क्षेत्र में नक्सलियों के विरुद्ध प्रभावी रूप से नक्सल उन्मूलन अभियान संचालन करने के साथ-साथ क्षेत्र की जनता को सड़क, पुल-पुलिया, बिजली आपूर्ति, राशन दुकान, आंगनबाड़ी केन्द्र, स्वास्थ्य एवं शिक्षा सुविधा तथा अन्य मूलभूत सुविधा से लाभान्वित करने के उद्देश्य से नियमित रूप से नवीन सुरक्षा कैम्प स्थापित की जा रही है। इस सिलसिले में बीजापुर एवं सुकमा के सीमावर्ती क्षेत्र के थाना जगरगुण्डा अंतर्गत पूवर्ती में सीआरपीएफ / एसटीएफ /कोबरा/डीआरजी/बस्तर फाईटर एवं स्थानीय पुलिस द्वारा 16 फरवरी को संयुक्त रूप से नवीन सुरक्षा कैम्प स्थापित किये जाने के साथ ही नक्सलियों के आधार वाले लगभग अंतिम इलाके के ताबूत में अमिट कील ठोकने का काम कर दिया है।

बस्तर आईजी सुन्दरराज पी. ने बताया गया कि बस्तर क्षेत्र के जनता की जान-माल की रक्षा तथा समग्र विकास हेतु बस्तर पुलिस, स्थानीय प्रशासन एवं क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बल के द्वारा नवीन कैंपों की स्थापना के साथ किये जा रहे प्रयासों से सकारात्मक परिणाम आगामी दिनों में निश्चित रूप से परिलक्षित होंगे। इसी प्रकार बस्तर संभाग अंतर्गत कानून एवं शांति व्यवस्था को कायम रखते हुये बस्तर क्षेत्र को एक सकारात्मक पहचान देने हेतु हम संकल्पित हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे

   

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