पूसीरे ने स्क्रैप बेचकर इस वित्त वर्ष में 103 करोड़ रुपये कमाए

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गुवाहाटी, 19 फरवरी (हि.स.)। पूर्वोत्तर सीमा रेल (पूसीरे) ने विभिन्न प्रकार के स्क्रैप की पहचान और निपटारा करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यह जीरो स्क्रैप मिशन का हिस्सा है। मिशन को सफल बनाने के लिए पूसीरे ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक मंडल, कारखाना और शेड स्क्रैप सामग्री से मुक्त हैं।

पूसीरे के सीपीआरओ सब्यसाची डे ने सोमवार को बताया है कि 'जीरो स्क्रैप मिशन' के अभियान के दौरान, पूसीरे ने इस चालू वित्त वर्ष (31 दिसंबर 2023 तक) में 12,542 एमटी स्क्रैप रेल/पी-वे सामग्री और 8268 एमटी विविध स्क्रैप सामग्रियों की बिक्री की हैं। पूसीरे ने उक्त अवधि के दौरान 12 डीजल इंजन, 157 कोच और 122 वैगन का भी विक्रय किया है। 31 दिसंबर 2023 तक पूसीरे ने 103.55 करोड़ रुपये मूल्य के स्क्रैप रेल, पी-वे सामग्री, अनुपयोगी कोच, वैगन और लोकोमोटिव बेचे हैं, जो पिछले वर्ष 100.35 करोड़ रुपये के विक्रय मूल्य से 3.19% अधिक है।

पुसीरे के ‘जीरो स्क्रैप मिशन’ अभियान से भारतीय रेल के लिए राजस्व का सृजन किया है। इस मिशन के अधीन स्टेशनों, डिपो, शेडों, कारखानों और सेक्शनों को स्क्रैप मुक्त रखने के लिए निरंतर निगरानी सुनिश्चित की जाती है। इस निगरानी ने न केवल स्क्रैप बिक्री लक्ष्य को हासिल करने में मदद की है, बल्कि स्टेशनों, कार्यस्थलों और आसपास के क्षेत्रों के सौंदर्यीकरण में भी सुधार किया है। इसने रेल परिसर को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल रखने में भी मदद की है।

हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद/सुनील

   

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