गढ़वाल और कुमाऊं में एक-एक गार्डन को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हार्टी टूरिज्म के रूप में किया जाएगा विकसित किया

-प्रदेश में हार्टी टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं: मंत्री गणेश जोशी

-केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ किसानों को मिले

देहरादून, 24 फरवरी (हि.स.)। कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री ने कहा कि गढ़वाल और कुमाऊं के एक-एक उद्यान के गार्डन को पायलट प्रोजेक्ट तौर पर हार्टी टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को खाका तैयार करने के निर्देश दिए।

शनिवार को कैंप कार्यालय में कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कृषि एवं उद्यान विभाग की विभागीय समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को केन्द्र पोषित और राज्य पोषित योजनाओं की प्रगति और विभाग की ओर से संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन की भी जानकारी ली। उन्होंने केन्द्र और राज्य सरकार की ओर से संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि इसका लाभ किसानों को मिले। विभागीय मंत्री ने स्वीकृत बजट के तहत प्रतिशत सदुपयोग के दिशा निर्देश दिए गए।

मंत्री जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन्वेस्टर समिट के दौरान लोगों से आवाहन किया है कि डेस्टिनेशन मैरिज के लिए उत्तराखंड आए। प्रदेश में हार्टी टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। शीघ्र ही प्रदेश में गढ़वाल और कुमाऊं के एक-एक उद्यान विभाग के गार्डन को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हार्टी टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को एक ठोस रणनीति बनाने के निर्देश दिए गए है।

मंत्री बैठक के दौरान अधिकारियों को प्रदेश के उद्यान विभाग के अंतर्गत राजकीय उद्यानों को हार्टी टूरिज्म के रूप में विकसित किए जाने के संबंध में भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि जो राजकीय गार्डन की स्थिति ठीक नहीं है,उनको पर्यटन गतिविधि से जोड़कर एक बेस्ट डेस्टिनेशन के रूप में उभारकर हार्टी टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाए। अधिकारियों को एक ठोस रणनीति बनाने के अधिकारियों को निर्देशित किया।

उन्होंने अधिकारियों को पिछली बैठक में दिए विभागीय कैलेंडर के तैयार करने की जानकारी ली। अधिकारियों की ओर से बताया गया कि कैलेंडर तैयार कर दिया गया है, जिसमें किसानों को कैलेंडर के माध्यम से कौन सा बीज कब लगता है और कई अन्य जानकारी मिलने के साथ किसानों को कैलेंडर के अनुरूप फल, बीज, पौध, खाद इत्यादि उपलब्ध किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को ब्लॉक स्तर तक फ्लैक्स के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाए ताकि किसानों को समयनुसार बीज, फल, पौध, खाद उपलब्ध होने के साथ साथ जानकारी भी प्राप्त हो सके।

कृषि में 154 करोड़ रुपये खर्च-

बैठक में अधिकारियों की ओर से बताया गया कि कृषि में स्वीकृत बजट 201 करोड़ के सापेक्ष 154 करोड़ रुपये खर्च हो चुका है। शेष बजट भी शत प्रतिशत पूर्ण किया जायेगा। उद्यान विभाग का स्वीकृत बजट 369.75 करोड़ इसके सापेक्ष जनवरी माह तक 274.04 करोड़ खर्च किया जा चुका है, शेष शीघ्र किया जाएगा।

बागवानी मिशन में 60 करोड़ खर्च-

इसी प्रकार बागवानी मिशन में 60 करोड़ के सापेक्ष 27.50 शत प्रतिशत व्यय किया गया। उद्यान विभाग के अंतर्गत पूंजीगत व्यय में बजट 236.40 करोड़ स्वीकृत 15.54 करोड़ के सापेक्ष जनवरी माह तक 667.82 करोड़ व्यय हो चुका है। उद्यान विभाग के अंतर्गत पूंजीगत व्यय औद्योगिक निवेशकों का क्रय,रोपवे, निशुल्क फल पौध वितरण, नाबार्ड योजनाओं से संबंधित प्रस्ताव आदि पर जनवरी 2024 तक स्वीकृति के सापेक्ष लगभग 50% व्यय हो चुका है।

अभी तक आउटलेट 07 बन गए हैं-

परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत 400 स्टोर के सापेक्ष 300 स्टोर खुल चुके हैं। इसी प्रकार पीएफएमई योजना के अंतर्गत अभी तक 13 आउटलेट के सापेक्ष 07 बन गए है। शीतकालीन पौध की डिमांड 08 लाख पौध के सापेक्ष 7.55 लाख पौध का आवंटन हो चुका है। जिसमें सेब, नाशपाती, फुलम, आडू, अखरोट आदि शामिल है। इसमें मुख्यत: सेब की डिमांड 5.06 लाख पौध के सापेक्ष 4.62 पौध का आवंटन हो चुका है।

इस अवसर पर सचिव कृषि विनोद सुमन,कृषि महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान,अपर सचिव आनंद स्वरूप, कृषि निदेशक कैसी पाठक सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/रामानुज

   

सम्बंधित खबर