दरगाह को हिंदू मंदिर बताने के मामले में दरगाह दीवान के बेटे ने कराया मुकदमा दर्ज

जयपुर, 28 फ़रवरी (हि.स.)। अजमेर में दरगाह को हिंदू मंदिर बताकर धार्मिक भावनाएं भड़काने के मामले में दरगाह दीवान के बेटे नसरुद्दीन चिश्ती ने दरगाह थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है। चिश्ती ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि कुछ दिन पहले एक खादिम की ओर से भी क्लॉक टावर थाने में इसे लेकर मुकदमा दर्ज करवाया गया हैं। पुलिस ने दोनों ही मामलों में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी हैं।

दरगाह दीवान के बेटे सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने शिकायत देकर बताया कि ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती एक महान संत थे। जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी मानव सेवा में गुजारी और लोगों में आपसी भाईचारे वह मोहब्बत का संदेश दिया। उनके देहांत के बाद उनकी दरगाह अजमेर ख्वाजा साहब की दरगाह के नाम से मशहूर हुई। इसमें ना सिर्फ भारत के, बल्कि विश्व के हर देश के सभी मजहबों के मानने वालों की गहन आस्था है। इक्कीस फरवरी को हिंदू शक्तिदल नामक संगठन के अध्यक्ष व अन्य सदस्य द्वारा अतिरिक्त कलेक्टर को ख्वाजा साहब के संदर्भ में एक ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के संदर्भ में अंगर्नल झूठे तथ्यों के आधार पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करवाया गया है, जिससे साफ तौर पर धार्मिक भावनाएं फैलाने के लिए हैट स्पीच की श्रेणी में आता है।

ख्वाजा साहब के करोड़ों चाहने वालों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और उकसाने के लिए सोची समझी साजिश के तहत यह कृत्य किया है। इससे ख्वाजा साहब के चाहने वालों में काफी आक्रोश है। चिश्ती ने दरगाह थाना पुलिस को शिकायत देकर आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है। इसी मामले में क्लॉक टावर थाना क्षेत्र में रहने वाले खादिम शकील अब्बासी की ओर से भी क्लॉक टावर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है। खादिम ने धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करवाया है। दरगाह को लेकर अपमानजनक वीडियो का मामला राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग तक पहुंच गया है। आयोग ने अजमेर से इस मामले में की गई कार्रवाई का विवरण एक सप्ताह में उपलब्ध कराने के लिए कहा है। खादिमों का एक प्रतिनिधिमंडल जयपुर पहुंचा और आयोग अध्यक्ष को मामले की जानकारी दी।

इस पर आयोग सचिव ने एसपी अजमेर को अवगत कराया कि दरगाह के प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन में जानकारी दी है कि हिंदू शक्तिदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा सोशल मीडिया में गरीब नवाज की दरगाह के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी व अपमानजनक शब्द कहे जाने से सांप्रदायिक माहौल खराब किए जाने की शिकायत दी है। सभी ने आरोपियों पर कार्रवाई किए जाने के आग्रह किया है। इस प्रकरण में उच्च कार्रवाई करते हुए एक सप्ताह में आयोग को अवगत कराने के लिए निर्देश दिए हैं। हिंदू शक्तिदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से 21 फरवरी को अजमेर एडीएम सिटी को ज्ञापन दिया गया था। ज्ञापन में उन्होंने अजमेर दरगाह को हिंदू मंदिर बताकर एएसआई सर्वेक्षण करवाने की मांग की थी। ज्ञापन देने के बाद मीडिया से बातचीत में दल के सदस्यों ने आपत्तिजनक टिप्पणी कर बयान दिए। जो बाद में सोशल मीडिया पर शेयर की गई। इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आपत्ति जताना शुरू कर दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर

   

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