रतलाम: क्या उचित है मोबाइल टावरों का बहुमंजिला भवन पर लगाया जाना ?

रतलाम, 19 मार्च (हि.स.)। शहर हो या अन्य कोई शहर सभी स्थानों पर कई बहुमंजिला भवनों पर ऊंचे-ऊंचे मोबाइल टावर देखे जा सकते है। यह मोबाइल टावर इतने ऊंचे होते है कि दूर से ही नजर आते है।

बताते है कि इन मोबाइल टावरों के लगने से मोबाइल का नेटवर्क अच्छी तरीके से कार्य करता है। लोग प्रश्न करते है कि इस प्रकार के टावर लगाने से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, ऐसे में इन टावरों का बहुमंजिला भवन पर लगाया जाना क्या उचित है?

मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियां इस प्रकार के टावर लगाये जाने का अच्छा किराया भवन स्वामियों को देती है। इस किराये की आमदानी का कितना प्रतिशत कर शासन अथवा निगम के खजाने में जाता है इसकी कोई अधिकृत जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन भवन स्वामियों को इससे अच्छी आमदानी हो रही है इसमें कोई दो मत नहीं है।

कई टावर मुख्य सडक़ों से लगे मकानों के उपर बने हुए है। यह काफी वजनी होते है, जिसके लिए मजबूत फाउंडेशन की आवश्यकता होती है, लेकिन आवासीय मकानों पर जो टावर लगे है उसका बेस मजबूत है कि नहीं इसकी जांच पड़ताल कोई नहीं करता। जब शहर में मकान बनाने के लिए नगर निगम की परमीशन आवश्यक होती है और सीमा से अधिक ऊंची बिल्डिंग बनाने की अनुमति शायद नगर निगम नहीं देता फिर भी शहर में कई ऐसे बहुमंजिला भवन बने है जो निर्धारित मापदंड से कई अधिक है। बताते है कि ऐसे बहुमंजिला भवन अधिकांश प्रभावी लोगों के है जिनके दबदबे के आगे प्रशासनिक अमला भी नतमस्तक रहता है। ऐसे में टावर लगाने की अनुमति भी कहा से किस प्रकार दी जाती है यह विचारणीय प्रश्न है?

कभी भी इस प्रकार के लगे टावर यातायात के व्यस्त मार्गों पर घातक हो सकते है। इसके अलावा क्या इस प्रकार के टावर जिस मकान पर लगे है उनके लिए खतरनाक नहीं है और क्यां आसपास के मकानों के लिए भी घातक नहीं है यह चिंता की बात है। यह भी बताते है कि इन टावरों से निकलने वाली किरणे स्वास्थ्य के लिए घातक होती है और किरणों का प्रभाव काफी दूर-दूर तक होता है लेकिन इसकी भी कोई चिंता नहीं करता। लोगों को तो केवल आमदानी से मतलब है किसी स्वास्थ्य और सुरक्षा की उनकों क्या चिंता?

पुराने जमाने में बहुमंजिला मकानों के लिए तडि़त चालक लगाना अनिवार्य हुआ करता था ताकि भुकम्प और आंधी का असर उन पर न हो। क्या इस प्रकार की सुरक्षा के इंतजाम टावर लगाने के दौरान किए गए है या नहीं यह भी जांच का विषय है। प्रशासन को चाहिए कि वह इन मोबाइल टावरों को इन क्षेत्रों में किस प्रकार लगाए जाए उसके लिए भी मोबाइल कंपनी के संचालकों को निर्देश अवश्य देे ताकि किसी भी स्थिति में यह टावर जनता जनार्दन के लिए हानिकारक न हो।

हिन्दुस्थान समाचार/ शरद जोशी

   

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