लोकतंत्र की रीढ़ पीठासीन और मतदान अधिकारी होते हैं : हिमांशु जोशी

-लोकसभा चुनाव हेतु पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी एवं कार्मिकों को दिया प्रशिक्षण

हल्द्वानी, 20 मार्च (हि.स.)। लोकतंत्र की रीढ़ पीठासीन एवं मतदान अधिकारी होते हैं। उन्हाेंने कहा कि लोकतंत्र में निर्वाचन अति महत्वपूर्ण कार्य है। निर्वाचन प्रक्रिया को शान्तिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से सम्पन्न कराना हम सभी की जिम्मेदारी है। उक्त विचार नोडल अधिकारी मतदान/मतगणना हिमांशु जोशी ने सभी पीठासीन एवं मतदान अधिकारी व कार्मिको को सम्बोधित करते हुए दिया ।

दो पालियों में प्रशिक्षण का कार्य एमबीपीजी कालेज में हुआ। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण में दी जा रही जानकारियों को पूर्ण गम्भीरता से लें और शंका हो तो उसका अवश्य समाधान करें, ताकि निर्वाचन के दौरान किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना हो। नोडल अधिकारी जोशी ने कहा कि सभी कार्मिक आदर्श आचार संहिता का अनुपालन करें,और मतदान पार्टियां मतदेय स्थल पर पहुंचने पर तत्काल सूचना सेक्टर एवं जोनल मजिस्ट्रेट को देंगे।

उन्होंने कहा कि मॉक पोल अनिवार्य रूप से कराना है। मॉकपोल कराकर निर्धारित समय पर मतदान कराना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने सभी पीठासीन एवं मतदान अधिकारी से कहा कि मतदान प्रारम्भ होने की सूचना तत्काल अपने सेक्टर एवं जोनल के साथ ही कन्ट्रोल रूम एवं सहायक रिटर्निंग आफीसर को देना सुनिश्चित करेंगे साथ ही प्रति दो घंटे मतदान की सूचना अनिवार्य रूप से भी देना सुनिश्चित करेंगे।

प्रशिक्षण में ट्रेनर ईवीएम, आरपी पाण्डे ने कहा कि इलेक्ट्रानिक मशीन यानि ईवीएम चुनाव प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। उन्होंने मतदान से पहले और मतदान के बाद ईवीएम के बारे विस्तार से बताया। उन्होंने वोटिंग मशीन सील करने की प्रक्रिया के साथ ही मतदान समाप्ति तक के बारे में पीठासीन और मतदान अधिकारियों को ईवीएम के बारे में प्रशिक्षण दिया तथा अधिकारियों की शंकाओं का समाधान भी किया। प्रशिक्षण में ट्रेनर पूरन तिवारी, एचबी चन्द्र, विमल किशोर, पूरन सिंह, राजीव जोशी, आरती जैन और रेखा तिवारी द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/अनुपम गुप्ता/सत्यवान/रामानुज

   

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