विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी शैक्षणिक संस्थान है विद्या भारती : यतीन्द्र शर्मा

विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी शैक्षणिक संस्थान है विद्या भारती : यतीन्द्र कुमार शर्मा

अयोध्या, 21मार्च (हि.स.) । विद्या भारती विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी शैक्षणिक संस्थान है। हम सभी प्रधानाचार्यों को संस्थान से जुड़ने की गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। आज परिवारों में आचार्यों के प्रति श्रद्धा के भाव का निर्माण हुआ है। उक्त बातें साकेत निलयम संघ कार्यालय में आयोजित प्रधानाचार्य कार्य योजना बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए विद्या भारती के सह– संगठन मंत्री यतीन्द्र कुमार शर्मा ने कहीं।

उन्होंने कहा कि देश में नए शैक्षिक परिवर्तन हो रहे हैं इस अनुरूप हमारी तैयारी होनी चाहिए। प्रगति के लिए एक पैर जमीन पर और एक पग आगे रखते हैं। 1947 में देश की आजादी के बाद 1952 में विद्या भारती का कार्य प्रारंभ हुआ। उससे पूर्व ही 1935 में संघ संस्थापक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने नागपुर में नवयुग विद्या मंदिर प्रारंभ किया था। विद्या भारती केवल परीक्षोन्मुखी नहीं बल्कि सर्वतोन्मुखी शिक्षण पद्धति पर बल देती है। आचार्य शब्द के अनुरूप जीवन का निर्माण, विचार के प्रति समर्पण, संगठन के प्रदेश निष्ठा का भाव होना चाहिए। शिशु मंदिर योजना एक राष्ट्र निर्माण की योजना के नाते पूरे देश में पहचानी गई। पक्षपात से मुक्त थे हमारे आचार्य, चुनौतियों को स्वीकार करते हुए वर्तमान की बदलती हुई परिस्थिति में अपना आपको आगे बढ़ाकर,भारतीयता का गौरव संयुक्त परिवार बने इस नाते हमारे आचार्य संपर्क में जाते थे। विद्यालय स्तर पर प्रशिक्षण और प्रबोधन से परिवर्तन आएगा। विद्या भारती ने प्रारंभ से ही समरसता का विचार किया साथ-साथ भोजन करना। कोई भेदभाव नहीं सभी योजनाओं के पीछे कोई ना कोई उद्देश्य होता है। सद्गुणों से युक्त हमारा शिक्षण संस्थान बने इस प्रकार का विचार लेकर बदलते स्थिति और परिवेश में हम सब आगे बढ़े। विद्यालय आचार्य के बल पर ही सर्वश्रेष्ठ है ।

अध्यक्षता करते हुए कमलनयन दास महाराज (उत्तराधिकारी मणि राम दास छावनी) ने कहा कि सरस्वती शिशु/विद्या मंदिरों में उत्तम शिक्षा और संस्कार दिया जा रहा है। राष्ट्रीयता की रक्षा करना हमारा पुनीत कर्तव्य है। महापुरुषों की त्याग,तपस्या के परिणाम स्वरूप हमारे बच्चों का संस्कार सुधर रहा है। लताओं, जड़,वृक्षों, माता शबरी तथा केवट को प्रेम देने वाले श्री मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम हमारे आदर्श है।

अतिथि परिचय एवं स्वागत अवनि कुमार शुक्ल (सर्व व्यवस्था प्रमुख)प्रधानाचार्य शिवदयाल जायसवाल सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज तुलसीनगर तथा संचालन सुरेश कुमार सिंह (संभाग निरीक्षक सीतापुर) ने किया।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से कौशल (प्रांत प्रचारक),हरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव (अध्यक्ष अवध प्रांत), रामजी सिंह (प्रदेश निरीक्षक), उत्तम कुमार मिश्र (प्रांतीय पूर्ण कालिक), अवरीश कुमार (संभाग निरीक्षक) कृष्ण चंद्र (कार्यालय प्रमुख साकेत निलयम), सुबंधु (महानगर प्रचारक), तथा प्रोफेसर लक्ष्मीकांत सिंह उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार /पवन पाण्डेय/बृजनंदन

   

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