झांसी-ललितपुर संसदीय क्षेत्र: यहां पिछड़ा वर्ग मतदाता करते हैं उम्मीदवार के भाग्य का फैसला

लोकसभा चुनाव का चित्र

संसदीय क्षेत्र में सर्वाधिक मतदाता कुशवाहा समाज के,दूसरे स्थान पर हैं अहिरवार वोट

झांसी, 22 मार्च (हि. स.)। लोकसभा चुनाव-2024 का शंखनाद हो चुका है। झांसी-ललितपुर संसदीय सीट समेत बुन्देलखण्ड की सभी चारों लोकसभा सीटों पर मतदान पांचवे चरण में 20 मई को होना है। इसके लिए आदर्श आचार संहिता लागू होते ही अपने अपने जिलों में जिला निर्वाचन अधिकारियों ने प्रेस के माध्यम से सब कुछ जारी भी कर दिया है। यूं तो संसदीय क्षेत्र में सभी मतदाताओं के एक-एक मत का महत्व है। फिर भी यहां जातिवार मतदाताओं को देखा जाए तो पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं का खासा दबदबा है।

आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो पूरे संसदीय क्षेत्र में कुल 18 लाख,आठ हजार 690 मतदाता सूचीबद्ध किए गए हैं। हालांकि जातीय आंकड़ों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है। फिर भी सूत्रों की मानें तो जातीय आंकड़ों में संसदीय क्षेत्र में पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं के मत सर्वाधिक हैं। इनमें कुशवाहा मतदाता सर्वाधिक है। इनकी संख्या करीब 2 लाख 50 हजार है। वहीं दूसरे स्थान पर अहिरवार मत हैं। इनकी संख्या करीब सवा दो लाख है। ब्राम्हण मतदाता भी ज्यादा पीछे नहीं है। इनकी संख्या करीब पौने दो लाख है। इसीलिए इस सीट को ब्राम्हण बाहुल्य सीट भी कहा जाता है। यही वह समीकरण है जो विभिन्न राजनैतिक दलोें का गणित बार-बार बिगाड़ता रहता है और राजनीतिज्ञों के गणित को इन्हीं जातिगत मतदाता के आंकड़ों की गुगली आउट कर देती है। इसके अलावा लोधी,यादव,साहू व कुर्मी आदि जातियों में भी करीब सवा-सवा लाख मतदाता हैं।

इसके अलावा गहोई, अग्रवाल,जैन,नाई,लुहार व बढई आदि मिलाकर करीब 2 लाख मतदाता शामिल है। पांचो विधानसभाओं में कुल मिलाकर 80000 के आसपास मुस्लिम मतदाता भी है। कोरी समाज के डेढ़ लाख व श्रीवास्तव समाज के भी सवा लाख मतदाता हैं। वही बरार, वाल्मीकि समाज मिलाकर करीब 80000 से एक लाख के आसपास मतदाता इस लोकसभा सीट पर मतदान करते हैं। तो करीब 50 हजार मतदाता खटीक समाज के हैं। इस प्रकार सभी समाज के मतदाता इस लोकसभा सीट पर हैं। लेकिन सर्वाधिक प्रभावित पिछड़ा वर्ग के मतदाता ही करते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश/बृजनंदन

   

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