सरकार भी सीपी बच्चों के लिए पूरी तरह से समर्पित : डॉ वीके सिंह

--दिव्यांगजनों को त्योहारों में हिस्सेदारी कराना समाज का दायित्व : डॉ. वारिदमाला जैन

--त्रिशला फाउन्डेशन में सीपी बच्चों ने बिखेरे खुशियों एवं मनोरंजन के रंग

प्रयागराज, 22 मार्च (हि.स.)। त्रिशला फाउंडेशन का होली मिलन समारोह आज कर्नलगंज इंटर कॉलेज मैदान में धूमधाम से मनाया गया। त्रिशला का ख़ास कार्यक्रम “होली के रंग त्रिशला के संग” में सेरेब्रल पालसी से प्रभावित बच्चें व उनके अभिभावकों ने अबीर-गुलाल उड़ाते हुए ब्रज में खेली जाने वाली होली का आनंद उठाया व गीतों पर जमकर मस्ती की और रंगारंग कार्यक्रम भी पेश किये।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वी.के सिंह ने कहा कि त्रिशला फाउंडेशन से पहली बार जुड़ाव हुआ है। सीपी बच्चों के कार्यक्रम देख कर बड़ी प्रसन्नता हुई। उन्होंने कहा कि सरकार भी सेरेब्रल पालसी पर पूरी तरह से कार्य कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आ गया है और हमारे चुने गये जन प्रतिनिधि भी इस पर कार्य कर आगे बढ़ायेंगे। उन्होंने डॉ. जितेन्द्र जैन को बड़े हास्पीटल के लिए बधाई भी दी। अंत में उन्होंने सभी बच्चो को शुभ आशीष दिया और उनके उत्तम भविष्य की कामना की।

संस्था की सचिव डॉ वारिदमाला जैन ने कहा कि दिव्यांगजनों को त्योहारों में हिस्सेदारी कराना समाज का दायित्व है। संस्था अध्यक्ष डॉ जितेन्द्र कुमार जैन ने आगामी योजनाओं एवं सी.पी विलेज के कार्य में तेज प्रगति के बारे में लोगों को जानकारी दी। उन्होंने इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऐसे समारोहों से इन बच्चों के साथ ही उनके अभिभावकों का भी मनोबल बढ़ता है।

त्रिशला फाउंडेशन में इलाज कराने आये बांग्लादेश, नेपाल, घाना, साउथ अफ्रीका के विदेशी मेहमानों ने भी इस समारोह में होली के रंगों का जमकर आनंद उठाया। समारोह में अभिभावकों ने भी बच्चों के साथ मिलकर होली के परम्परागत गीतों पर भी खूब धूम मचाई। अबीर-गुलाल से सजे माहौल में सेरेब्रल पालसी से प्रभावित बच्चों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां कर लोगों को भाव विभोर कर दिया। समारोह में भारत के विभिन्न राज्यों की छवि देखने को मिली।

कार्यक्रम में अलग-अलग राज्यों से आये परिवारों ने राज्य के परम्परागत नृत्य की प्रस्तुति कर अपने-अपने राज्यों की संस्कृति को दर्शाया, वहीं विदेशी मेहमानों ने भी अपने-अपने देश की संस्कृति का नृत्य के माध्यम से परिचय कराया। घाना, नेपाल एवं बांग्लादेश से आये मेहमानों की प्रस्तुतियां देख कर लोगों ने खूब तालियां बजाईं। त्रिशला फाउंडेशन के थेरेपिस्टों ने पारम्परिक ढोल मजीरों के साथ होली पर लोक गीत गाये। इस अवसर पर कोषाध्यक्ष रमाशंकर श्रीवास्तव, न्यासी डॉ. ए.एन वर्मा, कमला कान्त पाण्डेय, भारत विकास परिषद् के शिव नंदन गुप्ता एवं त्रिशला फाउंडेशन की पूरी टीम कार्यक्रम में उपस्थित रही।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/सियाराम

   

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