कश्मीर की तीनों सीटों पर लड़ेगी पीडीपी!

विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' में शामिल दो पार्टियां पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस कश्मीर घाटी की तीन लोकसभा सीट पर एक-दूसरे से मुकाबला करेंगी

जम्मू। स्टेट समाचार 

 महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला पर कोई विकल्प नहीं छोडऩे का आरोप लगाया।  वहीं, अब्दुल्ला ने पलटवार करते हुए कहा कि पीडीपी 2020 में जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के लिए 'पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन' (पीएजीडी) के घटकों के बीच बनी सहमति से पीछे हट रही है।  मुफ्ती ने यहां पत्रकारों से कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उनकी पार्टी के पास कश्मीर की तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लडऩे के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं छोड़ा है।  मुफ्ती ने कहा, उन्होंने (नेशनल कॉन्फ्रेंस ने) हमारे लिए उम्मीदवार खड़ा करने और चुनाव लडऩे के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा है।  उन्होंने कहा कि पार्टी का संसदीय बोर्ड उम्मीदवारों पर अंतिम फैसला करेगा। जम्मू-कश्मीर में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के साथ बातचीत करते समय, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने स्पष्ट कर दिया था कि वह घाटी की तीन सीट पर चुनाव लड़ेगी क्योंकि पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में इन पर जीत हासिल की थी।  'इंडिया' गठबंधन के सीट-बंटवारे के समझौते के तहत नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू में कांग्रेस के लिए दो सीटें छोड़ दी थीं।  मुफ्ती ने कहा कि केंद्र द्वारा अगस्त 2019 में पूर्ववर्ती राज्य का विशेष दर्जा वापस लिए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक दलों के लिए एकजुट रहना समय की मांग है।  उन्होंने कहा, "युवा जेलों में हैं, हम अपनी आवाज नहीं उठा सकते, यहां तक ​​कि कर्मचारियों के परिवार वाले भी कुछ नहीं कह सकते। यहां उत्पीडऩ का माहौल है। ऐसे माहौल में हमारा एकजुट होना जरूरी है।"  जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने हालांकि कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं का रवैया निराशाजनक और आहत करने वाला है। उन्होंने कहा, मुंबई में हुई 'इंडिया' गठबंधन की बैठक में मैंने कहा था कि चूंकि (नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष) फारूक अब्दुल्ला हमारे वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए वह (सीट बंटवारे) पर फैसला लेंगे और न्याय करेंगे। मुझे उम्मीद थी कि वह पार्टी हितों को किनारे रखेंगे।  मुफ्ती ने कहा, लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस ने एकतरफा तरीके से सभी तीन सीट पर चुनाव लडऩे का फैसला किया।  मुफ्ती ने कहा कि अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उनसे संपर्क किया होता और पीडीपी से सलाह-मशविरा किया होता तो हो सकता था कि उनकी पार्टी व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला लेती।  उन्होंने कहा, लेकिन, जिस तरह उमर (अब्दुल्ला) ने हमें विश्वास में लिए बिना फैसले की घोषणा की और कहा कि पीडीपी के पास कोई कार्यकर्ता या समर्थन नहीं है, इसलिए उन्हें एक भी सीट नहीं मिलेगी, इससे मेरे कार्यकर्ताओं को ठेस पहुंची और उनका दिल टूट गया।  वह उमर अब्दुल्ला के आठ मार्च के संवाददाता सम्मेलन का जिक्र कर रही थीं जिसमें उमर ने घोषणा की थी कि नेशनल कॉन्फ्रेंस घाटी में सभी तीन सीट पर चुनाव लड़ेगी और 'इंडिया' गठबंधन की अपनी सहयोगी पीडीपी के लिए कोई भी सीट नहीं छोड़ेगी।  अब्दुल्ला ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने उनकी (महबूबा की) पार्टी के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है और इसलिए, मुझे इस पर कुछ नहीं कहना है। उन्होंने कहा कि पीडीपी डीडीसी चुनावों के लिए बनी सहमति से पीछे हट रही है, जब यह तय हुआ था कि सीट जीतने वाली पार्टियां अपने उम्मीदवार उतारेंगी।  जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, मैं इस बारे में क्या कह सकता हूं? यह उनकी अपनी इच्छा है। मैं उन्हें कैसे रोक सकता हूं? हमने कश्मीर की तीन सीट के लिए अपने फॉर्मूले के आधार पर उम्मीदवारों की घोषणा की।  अब्दुल्ला ने कहा कि जब डीडीसी चुनाव हुए थे, तो नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पीडीपी से कहा था कि सीटों का बंटवारा 2019 संसदीय चुनावों के परिणामों के आधार पर किया जाना चाहिए, लेकिन पीडीपी ने इसे स्वीकार नहीं किया।  अब्दुल्ला ने कहा, उन्होंने हमसे कहा कि उम्मीदवारों का फैसला 2014 के विधानसभा चुनावों के आधार पर किया जाएगा। निर्णय लिया गया कि जिसने जिस विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी, वह वहां से चुनाव लड़ेगा। इसलिए, इस संसदीय चुनाव में भी वही फॉर्मूला लागू किया गया। जहां से हम जीते, हमने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया।"  अब्दुल्ला ने कहा कि चूंकि संसदीय चुनावों में पीडीपी के साथ सीट बंटवारे की कोई गुंजाइश नहीं थी, इसलिए हम विधानसभा चुनावों के लिए गुंजाइश रखेंगे। उन्होंने कहा, लेकिन, अब अगर महबूबा मुफ्ती ने सभी सीटों पर चुनाव लडऩे का फैसला किया है, तो शायद वह विधानसभा चुनाव के लिए भी गठबंधन नहीं चाहती हैं। उस स्थिति में, मैं कुछ नहीं कह सकता। हमने दरवाजे खुले रखे हैं, लेकिन अगर वह उन दरवाजों को बंद करना चाहती हैं तो इसमें हमारी कोई गलती नहीं है।

   

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