इजराइल-गाजा युद्ध: जहाजों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए तीन स्तरीय समुद्री ऑपरेशन की जिम्मेदारी भारत ने ली है : एस. जयशंकर

-रेड सी रूट पर ड्रोन से हमला और समुद्री लुटेरों का आतंक

अहमदाबाद, 03 अप्रैल (हि.स.)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि रेड सी में अपने देश और पड़ोसी देशों की जहाजों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए तीन स्तरीय समुद्री ऑपरेशन की जिम्मेदारी ली है। जयशंकर ने आश्वस्त किया कि विकसित भारत का मतलब है कि अपनी क्षमता के अनुसार हमने इस जिम्मेदारी को लिया है। अपने लिए और विश्व के लिए और पड़ोसी देशों के साथ मिलकर जितना संभव है, हम करेंगे।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर दो दिनों के दौरे पर गुजरात में हैं। इस दौरान उन्होंने सूरत, राजकोट और अहमदाबाद में स्थानीय व्यापारिक संगठनों के साथ बातचीत की। रेड सी में इजराइल और गाजा युद्ध के कारण गुजराती मालवाहक जहाजों की सुरक्षा संबंधी पत्रकारों के सवाल पर एस. जयशंकर ने कहा कि गुजरात के व्यापारियों की यह सिर्फ समस्या नहीं है, यह पूरे विश्व की समस्या है। बड़ी संख्या में शत्रु समुद्र में सीधे हमला कर रहे हैं। सोमालियान समुद्री लुटरे भी इसमें सक्रिय हैं। यह भारत के लिए चिंता का विषय है। भारत का बड़ा व्यापार रेड सी की ओर है। हमले के कारण इन्श्योरेंस संबंधी समस्या भी बढ़ रही है। शिप पर हमला होने पर क्रू मेंबर में सर्वाधिक भारत के नागरिक होते हैं, उन पर खतरा होता है। इस वजह से हम सभी चिंतित है। अभी माल वाहक जहाजों को अफ्रीका का चक्कर लगाकर लंबा रूट से जाना पड़ रहा है।

एस जयशंकर ने कहा कि भारत अपनी जवाबदारी निभा रहा है। इसके अलावा वह पड़ोसी देशों के जहाजों की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी निभाते रहेगा। उन्होंने बताया कि सबसे पहले हमने नेवी के 8 जहाजों को रवाना किया था। इसके बाद इसकी संख्या बढ़ाकर 12 की गई। अभी 21 जहाज तैनात किए गए हैं। नेवी के जहाज तीन स्तरीय सुरक्षा दे रहे हैं। सोमालिया की ओर से होने वाले समुद्री लुटरों को रोकने के लिए एनटी पारेसी ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसके साथ कुछ जहाज एसओएस कॉल्स अटेंड कर रहे हैं। तीसरे समूह में जहाज ड्रोन अटैक होने पर आग की घटना को काबू में कर रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ महीने में वैश्विक व्यापार गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (आईएमएफ) के अनुसार रेड सी प्रदेश में जहाजों पर हमलों के कारण सुएज कैनाल के रास्ते ट्रैफिक में कमी आई है। इस रास्ते वैश्विक समुद्री व्यापार का करीब 15 फीसदी हिस्सा है।

इजराइल और गाजा के बीच युद्ध के कारण रेड सी और सुएज कैनल से एक्सपोर्ट के लिए माल वाहक जहाज भेजना गुजरात के व्यापारियों के लिए खतरनाक हो गया है। गुजरात मैनुफैक्चरिंग हब है, जहां से बड़े पैमाने पर कार्गो युरोप और यूएस भेजे जाते हैं। टेक्सटाइल, केमिकल, इंजीनियरिंग और फार्मास्यूटिकल का निर्यात गुजरात के पोर्ट से किया जाता है। हाल की परिस्थिति के अनुसार गुजरात के व्यापारियों को शिपमेंट भेजना चुनौती हो गई है। मीडिल इस्ट के युद्ध के कारण मालवाहक जहाजों पर ड्रोन से हमला, समुद्री लुटेरों का हमलों से बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/आकाश

   

सम्बंधित खबर