मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 5 मरीजों की हालत बिगड़ी

-रोशनी कम होने, आंखों में दर्द और आंख लाल होने की शिकायत के बाद सिविल अस्पताल में भर्ती

पाटण, 9 फरवरी (हि.स.)। गुजरात में एक महीने के अंदर दूसरी बार आंखों के इलाज के बाद मरीजों की हालत गंभीर होने की जानकारी सामने आई है। पाटण जिले के राधनपुर हॉस्पिटल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले मरीजों की हालत बिगड़ने के बाद 5 मरीजों को अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

जानकारी के अनुसार 2 फरवरी को पाटण के राधनपुर स्थित सर्वोदय आंख के हॉस्पिटल में 13 मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया गया था। ऑपरेशन के दो दिन बाद 4 फरवरी को 5 लोगों की आंखों की रोशनी कम होने की शिकायत आई। इसके बाद इन सभी मरीजों को विसनगर हॉस्पिटल रेफर किया गया। इन सभी मरीजों को यहां प्राथमिक इलाज कर घर जाने दिया गया। घर आने के बाद भी मरीजों की हालत नहीं सुधरी। 7 फरवरी की आधी रात को इन तीन पुरुष और 2 महिला मरीजों को अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल लाया गया। इनमें एक महिला की उम्र 45 वर्ष है, जबकि अन्य लोगों की उम्र 60 से 80 वर्ष है।

इन मरीजों की शिकायत है कि ऑपरेशन के बाद से उनकी आंखों में दर्द है और आंखें लाल रहती हैं। आंखों से पानी आता है। अहमदाबाद सिविल हॉस्पिटल में इन मरीजों का इलाज किया जा रहा है। दिन में दो बार सभी को आईवी इन्जेक्शन दिया जा रहा है, वहीं आंखों की सोनोग्राफी भी कराई गई है।

सिविल हॉस्पिटल के आरएमओ डॉ उमंग मिश्रा ने बताया कि शुक्रवार सुबह 5 मरीजों को दाखिल कराया गया है। उन्होंने आशंका जताई कि इन मरीजों में बैक्टेरियल इन्फेक्शन हो सकता है। सभी मरीजों में आंखों से पानी गिरना, कम दिखाई देना और आंख में दर्द होने की एक समान शिकायत है।

हाईकोर्ट ने लिया था स्वत: संज्ञान

10 जनवरी को अहमदाबाद जिले के मांडल स्थित ट्रस्ट के हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 21 मरीजों की हालत खराब हो गई थी। घटना से मरीजों की आंख की रोशनी कम होने और अन्य बैक्टिरियल इन्फेक्शन होने की जानकारी मिली थी। स्थिति की गंभीरता को देखकर गुजरात हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर सरकार को दिशा-निर्देश जारी किए थे। मांडल के 9 मरीजों का अभी तक अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/ बिनोद/संजीव

   

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