रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और सीईओ जया वर्मा सिन्हा ने किया डीएचआर का निरीक्षण

गुवाहाटी, 04 अप्रैल (हि.स.)। रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और सीईओ जया वर्मा सिन्हा ने पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) के यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (डीएचआर) का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पूसीरे के महाप्रबंधक चेतन कुमार श्रीवास्तव के साथ कई विभागों के प्रधान और कटिहार के मंडल रेलवे प्रबंधक भी मौजूद थे।

पूसीरे के सीपीआरओ सब्यसाची डे ने आज बताया कि उन्होंने 109 वर्षों पुरानी तिनधरीया कारखाना का निरीक्षण किया और इस धरोहर स्थल के संरक्षण पर जोर दिया। वर्ष 1915 में तिनधरीया कारखाना स्थापित किया गया था। यह भारतीय रेलवे का एकमात्र कारखाना है, जहां भाप इंजन और छोटी लाइन के वुडेन बॉडी कोच का अनुरक्षण किया जाता है। उन्होंने 100 साल पुराने वाष्प इंजन लोको 802-बी का भी मुआयना किया, जो आज भी डीएचआर में संचालित है। दार्जिलिंग जाने के क्रम में उन्होंने कई 'जेड' रिवर्स और लूप का भी निरीक्षण किया। बाद में, उन्होंने 'असम रेल लिंक प्रोजेक्ट' के तत्कालीन मुख्यालय एवं डीएचआर के मुख्यालय एलिसिया प्लेस का दौरा किया। उन्होंने वहां लघु संग्रहालय और डीएचआर कार्यालय का दौरा किया। बाद में, डीएचआर के अधिकारियों के साथ बातचीत कर उन्होंने कामकाज के सभी पहलुओं पर प्रदर्शन की समीक्षा की।

रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष एवं सीईओ ने दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे रूट पर एक महत्वपूर्ण पड़ाव कार्सियांग स्टेशन का भी निरीक्षण किया जो डीएचआर के लिए एक महत्वपूर्ण परिचालनिक और प्रशासनिक केंद्र के रूप में सेवा प्रदान करता है। इसके बाद उन्होंने घुम संग्रहालय और स्टेशन का निरीक्षण किया, जो भारत का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन है। बाद में, उन्होंने दार्जिलिंग स्टेशन का दौरा किया और नव पुनर्निर्मित विरासत टर्नटेबल का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कार्सियांग, घुम और दार्जिलिंग स्टेशनों पर सभी यात्री सुविधाओं का जायजा लिया।

जया वर्मा सिन्हा द्वारा डीएचआर के इस व्यापक निरीक्षण से इस विश्व धरोहर स्थल के समग्र विकास और संरक्षण पर विशेष ध्यान देने की उम्मीद है।

हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद/प्रभात

   

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