पीडीपी के मतभेदों को फारूक ने नहीं दी तवज्जो, कहा- 'अनंतनाग-राजौरी सीट पर नेकां ही जीतेगी'

 जम्मू। स्टेट समाचार

नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारुक अब्दुल्ला ने कश्मीर घाटी में सीट-बंटवारे को लेकर अपनी पार्टी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बीच मतभेदों को तवज्जो नहीं देते हुए लोकसभा चुनाव में अनंतनाग-राजौरी से अपनी पार्टी की जीत का भरोसा जताया है।  पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा था कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने उनकी पार्टी के पास कश्मीर में अनंतनाग-राजौरी सहित तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव लडऩे के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा है। पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस दोनों विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' के घटक हैं। महबूबा की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, 'मैं पीडीपी का मालिक नहीं हूं। कृपया उनसे सवाल करें।'  डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद के अनंतनाग-राजौरी से चुनाव लडऩे के फैसले से नेशनल कॉन्फ्रेंस पर संभावित असर को लेकर पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, ''इंशाल्लाह, हम जीतेंगे। मैं आपको यह लिखकर दूंगा।''  लोकसभा चुनाव को भारत के संविधान और एकता की रक्षा के लिए 'सामूहिक लड़ाई' बताते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ''एक तरफ, वे (भाजपा) भारत के संविधान को खत्म करना चाहते हैं। दूसरी तरफ, वे लोग हैं जिन्होंने संविधान को बचाने के लिए अपना जीवन दांव पर लगा दिया है। यह भारत को बचाने की हमारी सामूहिक लड़ाई है।'' अब्दुल्ला ने 1987 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में कथित धांधली में भूमिका के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद गनी लोन की टिप्पणी को महत्व नहीं देते हुए कहा कि 'उन्हें जो ठीक लगे वह करना चाहिए।' लोन ने बुधवार को कहा था कि चुनावों में कथित धांधली को लेकर अब्दुल्ला की भूमिका के लिए उनके और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना कश्मीरियों के प्रति विश्वास बहाली का सबसे बड़ा उपाय होगा। लोन ने उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में संवाददाताओं से कहा, ''जहां तक 1987 का सवाल है, मेरा दृढ़ विश्वास है कि आज भी, कश्मीरियों के प्रति विश्वास बहाली का सबसे बड़ा उपाय एक प्राथमिकी होगी, जिसमें फारुक अब्दुल्ला, कांग्रेस नेताओं और नौकरशाहों को चुनाव में धांधली के लिए नामजद किया जाए।''  अब्दुल्ला ने लोन की टिप्पणी को लेकर एक सवाल पर कहा, ''मैं समझ रहा हूं कि आप क्या कह रहे हैं। मैंने यह सुना है। लोन साहब को जो ठीक लगे वह कर सकते हैं।'' 

   

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