पुष्पेंद्र सरोज को लेकर सपा मे उठने लगे विरोध के स्वर

सपाइयों का एक धड़ा सपा मुखिया अखिलेश यादव से मिला

राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज के बेटे हैं पुष्पेंद्र सरोज

कौशांबी, 7 अप्रैल (हि.स.)। सपा के अंदर विरोध के स्वर पार्टी के संभावित उम्मीदवार पुष्पेंद्र सरोज को लेकर शुरू हो गया है। दो खेमे में बटी सपा का एक मजबूत धड़ा सपा मुखिया से मिलने लखनऊ पहुंच गया है। इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। नेताओं ने मुलाकात के दौरान राष्ट्रीय महासचिवव व विधायक इंद्रजीत सरोज के बेटे पुष्पेंद्र सरोज को टिकट दिए जाने का विरोध किया है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर इस संबंध में विरोधी खेमा कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

लोकसभा कौशांबी में मतदान पांचवे चरण यानि 20 मई को होना है। कम समय होने के बाद भी राजनैतिक दल भाजपा गठबंधन व सपा गठबंधन ने सीट पर अपने अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। राजनैतिक जानकारों के मुताबिक, दोनों दल एक दूसरे के प्रत्याशी के मैदान में आने का इंतजार कर रहे हैं। दोनों प्रमुख दल एक दूसरे के नेताओं को तोड़ने का प्रयास तक कर रहे हैं। कोई किसी को भी टिकट दे सकता है।

समाजवादी पार्टी मे जिला पंचायत सदस्य श्यामा देवी के पति जितेंद्र सरोज, पूर्व मंत्री मतेश सोनकर सहित चार नेता अभी टिकट की लाइन में हैं। इसी बीच पिछले 15 दिनों पहले अचानक चर्चा उठी कि राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज के पुत्र पुष्पेंद्र सरोज मैदान में आ सकते हैं। बेटे के लिए इंद्रजीत ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से सिफारिश की है। कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हरी झंडी भी दे दी है। चर्चा के बीच एक दिन पहले खाटी सपाई व पांच बार के करारी चेयरमैन मौला बख्श व पूर्व ब्लॉक प्रमुख हरिमोहन यादव सहित कई सपा नेताओं ने समर्थकों संग लखनऊ में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश से मुलाकात की।

इस मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया में अब तेजी से वायरल हो रही है। जानकार बताते हैं, नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष से राष्ट्रीय महासचिव के बेटे की जगह किसी जुझारू कार्यकर्ता को टिकट देने की मांग की है। फिलहाल राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है कि जिसे भी मैदान में उतारा जाए, उसे ही जिताकर भेजें।

... तो खांटी सपाइयों के विरोध का सामना करेंगे पुष्पेंद्र

राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत के बेटे पुष्पेंद्र को चुनावी मैदान में उतारने का अभी से ही खांटी सपाइयों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि पुष्पेंद्र को टिकट दिया गया तो सपा दो धड़ों में बंट जाएगी और पार्टी को इसका सीधा नुकसान होगा। क्योंकि, जो सपाई विरोध में हैं, उनका अपना अच्छा खासा वोट बैंक है।

पूर्व सांसद शैलेंद्र पर दांव लगा सकती है भाजपा

सत्ता दल भाजपा में टिकट मांगने वालों की लंबी श्रृंखला है। सियासी गलियारे में इस बात की तगड़ी चर्चा है कि बीजेपी सिटिंग सांसद विनोद सोनकर का टिकट काट सकती है। उनकी जगह जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) से समन्वय स्थापित करके पूर्व सांसद शैलेंद्र कुमार को टिकट दिया जा सकता है। शैलेंद्र मजबूत इसलिए हैं, क्योंकि जनसत्ता दल प्रमुख राजा भैया के काफी नजदीकी हैं। राजा उन्हें भाजपा के सिंबल से लड़वाना भी चाह रहे हैं। संसदीय क्षेत्र की बाबागंज और कुंडा विधानसभा सीट राजा का गढ़ मानी जाती है। ऐसे में शैलेंद्र लड़े तो इन दो विस क्षेत्रों का बड़ा वोट बैंक उनके पास होगा। कौशांबी से पूर्व में सांसद रहे हैं। भाजपा के साथ पासी समाज का भी वोट मिलेगा। इस सूरत में शैलेंद्र से अधिक सशक्त कोई दूसरा प्रत्याशी नहीं होगा।

जिप सदस्य जितेंद्र के लिए सपाई लामबंद

जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर भाजपा नेत्री कल्पना सोनकर का कब्जा है। उनके खिलाफ मिनी सदन के एक तिहाई से अधिक सदस्यों ने अगस्त 2023 में अविश्वास पेश किया था। तत्कालीन डीएम सुजीत कुमार ने फ्लोर टेस्ट के लिए 19 अगस्त की तारीख तय की थी। इससे पहले 18 अगस्त को सपा की जिला पंचायत सदस्य शायमा के पति जितेंद्र सरोज का प्रशासन ने घर ढहवा दिया था।

आरोप है कि यह एक्शन सदस्यों पर दबाव बनाने के लिए सत्ता के इशारे पर लिया गया था। अब इसी एक्शन को खांटी सपाई भुनाने का प्रयास कर कर रहे हैं। कह रहे हैं कि जिसने पार्टी के लिए मकान तक की परवाह नहीं की और मुकदमा झेला, उसे दरकिनार करके परिवारवाद को बढ़ावा देना पार्टी मुखिया और राष्ट्रीय महासचिव के लिए सही नहीं है। कुल मिलाकर जितेंद्र के लिए सपाई लामबंद हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ अजय कुमार/बृजनंदन

   

सम्बंधित खबर