नववर्ष प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और सम्मान ज्ञापित करने अवसर है : त्यागी

हरिद्वार, 08 अप्रैल (हि.स.)। प्रो. सुरेन्द्र कुमार त्यागी ने कहा कि जीवन में उल्लास और उमंग का संचार केवल प्रकृति के समीप एवं सानिध्य में रहकर अनुभव किया जा सकता है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नववर्ष प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और सम्मान ज्ञापित करने अवसर है। आर्य समाज बुराइयों को छोड़ने और जीवन मूल्यों के प्रसार की प्रेरणा देता है।

वे चैत्र शुक्ल प्रतिपदा हिन्दू नववर्ष तथा आर्य समाज स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित प्रकृति के प्रति सम्मान और मानवीय मूल्यों के संवर्धन पर परिसंवाद कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों को सम्बोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार के योग एवं शारीरिक शिक्षा संकाय के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का शुभारम्भ संकायाध्यक्ष प्रो. सुरेन्द्र कुमार त्यागी और प्रभारी, शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग डॉ. शिवकुमार चौहान ने दीप प्रज्ज्वलित कर संयुक्त रूप से किया।

प्रभारी, शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग डॉ. शिवकुमार चौहान ने कहा कि नववर्ष शक्ति का पर्व है, वहीं आर्य समाज कुरीतियों का समाधान प्रस्तुत करके श्रेष्ठ मानव बनाने का आन्दोलन है। शक्ति मिलने पर अहंकार का आना और अच्छा-बुरा विचारे बिना उत्पन्न समस्याओं का प्रमाणिक समाधान आर्य समाज के प्रमुख ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश में निहित है।

कार्यक्रम को सुनील कुमार, डॉ. कपिल मिश्रा और डॉ. प्रणवीर सिंह ने भी सम्बोधित किया। छात्रों ने भी हिन्दू सनातन परम्परा और समसामयिक समस्याओं से जुडे़ प्रश्न किये। कार्यक्रम में एमपीएड, बीपीएड प्रशिक्षु, बीपीईएस और बीए के छात्र, शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/सत्यवान/रामानुज

   

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