प्रत्येक स्वयंसेवक के घर से शुरू हो सामाजिक समरसता : विभाग प्रचारक

स्वयंसेवकों को संबोधित करते विभाग प्रचारक अखण्ड प्रतापस्वयंसेवकों को संबोधित करते विभाग प्रचारक अखण्ड प्रतापस्वयंसेवकों को संबोधित करते विभाग प्रचारक अखण्ड प्रतापस्वयंसेवकों को संबोधित करते विभाग प्रचारक अखण्ड प्रतापस्वयंसेवकों को संबोधित करते विभाग प्रचारक अखण्ड प्रताप

झांसी, 09 अप्रैल(हि.स.)। नवसंवत्सर के अवसर पर महानगर के सभी 11 नगरों व एक खंड में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नगर शाखाओं पर आद्य सरसंघचालक प्रणाम किया गया। साथ ही नवरात्रि के प्रथम दिवस वासुदेव नगर,सीपरी नगर व शिवाजी नगर में पथ संचलन निकाला गया।

इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य वक्ताओं ने संघ संस्थापक के विचारों पर प्रकाश डालते हुए प्रत्येक स्वयंसेवक को उन्हें आत्मसात करने को कहा। शिवाजी नगर में मेडिकल कॉलेज ग्राउण्ड में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता एवं विभाग प्रचारक अखण्ड प्रताप ने सामाजिक समरसता स्वयंसेवक को अपने घर से शुरू करने को कहा।

विभाग प्रचारक ने कहा कि 1925 में संघ की नींव रखी गई। डाक्टर साहब का बाल जीवन विलक्षण था। प्लेग मरीजों की सेवा करते हुए उनके माता पिता चल बसे। उनके मन में खेलते हुए अंग्रेजों के झंडे को देख उसे उतार फेंकने का विचार आया। और इस प्रकार संघ की नींव रखी गई थी। उन्होंने बताया कि सबसे पहले दुनिया में सनातन धर्म ही था। अब तक 12 करोड़ से अधिक सृष्टि में हिंदुओं का कत्लेआम हो गया है। आज जीवित, जाग्रत,सक्रिय व सुसंगठित हिन्दू की आवश्यकता है। इन चार बातों को लेकर उन्होंने काम किया। उनके रहते सभी राज्यों में संघ पहुंच गया था। 1940 में उन्होंने कहा था कि अब मैं लघु भारत देख रहा हूं। धीरे—धीरे नीचे तक संघ पहुंचा। हर बस्ती में हमारा काम पहुंचे, हमें इस तरह कार्य करना चाहिए। कार्यों में गुणात्मक विकास हो। मानसिक स्तर ऊंचा हो। हमारे कार्यों में समाज कार्य,कुटुंब प्रबोधन होना चाहिए। कुटुंब प्रबोधन में खान पान,वेश भूषा व व्यक्ति का चिंतन तय होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता अपने घर से शुरू होना चाहिए। प्रत्येक स्वयंसेवक के घर से सामाजिक समरसता का शुभारम्भ हो। अपने घर से पर्यावरण संरक्षण का काम करना है। सुदर्शन जी कहते थे अगला विश्व युद्ध पानी होगा। स्वभाव जागरण-भारत से ज्यादा व्याकरण कोई नहीं जानता। श्रीराम मंदिर में आज डेढ़ से दो लाख लोग प्रतिदिन दर्शन कर रहे हैं। हमें अपनी परंपराओं को मानना चाहिए। संविधान को मानेंगे। इजराइल सबसे बड़ा उदाहरण है नागरिक कर्तव्य वाले देश का। आज सज्जन शक्ति जागरण की नितांत आवश्यकता है। जिसे भी संघ का स्वयंसेवक बनाएंगे उसे परिष्कृत करके स्वयंसेवक बनाना है। नर,नरपशु,नरपिशाच,नरोत्तम चार प्रकार के लोग। कम्युनिस्ट लोग कहते हैं हर घर रावण बैठा इतने राम कहां से लाऊं। इसीलिए सज्जन शक्ति का जागरण। अंतिम है विमर्श। हम सभी सहोदर हैं। तेरा वैभव अमर रहे मां हम दिन चार रहें न रहें। उनके साथ मंच पर नगर संघचालक ब्रजमोहन गौतम रहे। कार्यक्रम में महानगर कार्यवाह मुकुल पस्तोर आदि उपस्थित रहे।

वासुदेव नगर में बन्धन वाटिका में पथ संचलन का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रुप में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए बताया कि स्वयंसेवकों को जीवन में सफल होने के लिए बड़े संकल्पों को लेना चाहिए। एक स्वयंसेवक संघर्षों में तपकर ही सच्चा स्वयंसेवक बनता है। इस अवसर पर उनके साथ मंच पर तुलसी सिलावट व नगर संघचालक रामप्रसाद राजपूत रहे। कार्यक्रम में महानगर के सहनगर कार्यवाह ब्रजेन्द्र व जयपाल रहे।

सीपरी नगर में पथ संचलन हीरोज ग्राउण्ड से शुरु किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सह विभाग कार्यवाह शशिकांत रहे। उन्होंने स्वयंसेवक के कर्तव्यों को बताते हुए संघ संस्थापक डाक्टर हैडगेवार के विचारों से स्वयंसेवकों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अब स्वयंसेवक का दायित्व और भी कठिन हो गया है। इस अवसर पर मंच पर नगर संघचालक ओमप्रकाश द्विवेदी रहे। साथ ही कार्यक्रम में नगर कार्यवाह अनिल,सह नगर कार्यवाह वैभव व आदित्य,शारीरिक प्रमुख राहुल आदि उपस्थित रहे।

स्वयंसेवकों ने संघ के संस्थापक को दिया आद्य सरसंचालक प्रणाम

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छत्रसाल नगर के स्वयं सेवकों द्वारा नव संवत्सर कार्यक्रम का आयोजन माधव स्मृति भवन में किया गया। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक डॉ केशव राम बलिराम हेडगेवार जी जो संघ के प्रथम सर संघचालक थे उनका जन्म दिवस भी होता है इस अवसर संघ के स्वयं सेवक आद्य सर संघचालक प्रणाम के द्वारा अपने प्रथम सर संघचालक को याद करते हैं।

इस अवसर पर झांसी विभाग के विभाग प्रचारक डॉ अखंड प्रताप सिंह ने स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि आद्य सरसंघचालक प्रणाम केवल एक प्रणाम मात्र नहीं है, वरन यह एक श्रद्धांजलि है उस पहली ईंट को जिस पर संघ का आज विशाल भवन खड़ा है। यह नमन है उस बीज को जिसके अंकुरण से आज संघ का वट वृक्ष दिखाई दे रहा है, जिसके नीचे हम सब सुरक्षित हैं। इस अवसर पर महानगर कार्यवाह मुकुल,नगर संघ चालक आशुतोष,नगर सह संचालक तीर्थेश, नगर कार्यवाह विनय, विस्तारक अमन, नगर बौद्धिक प्रमुख वशिष्ठ सहित धर्मेंद्र, वासु प्रार्थना राजशेखर द्वारा कराई गई इत्यादि स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश/राजेश

   

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